कवि, अभिनेत्री और कहानीकार प्रिया मलिक के साथ ‘चाय और कविताएँ’
कार्यक्रम में फ्लो लखनऊ की चेयरपर्सन विभा अग्रवाल, वंदिता अग्रवाल, स्वाति वर्मा, सीमू घई, आरुषि टंडन, ज्योत्सना हब्बीबुल्ला,स्मृति गर्ग, स्वाति मोहन, सवनित गुरनानी और सिमरन साहनी सहित150 से अधिक फ्लो सदस्यों ने भाग लिया।


लखनऊ। फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर ने आज सदस्यों के लिए “चाय और कविताएँ” कार्यक्रम का आयोजन  होटल हयात में किया, जिसमें प्रिया मलिक एक कहानीकार, अभिनेत्री और एक पुरस्कार विजेता लेखिका शामिल हुईं, जो अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में लिखती और प्रदर्शन करती हैं। उन्होंने अपनी त्रुटिहीन भाषा, बोली और अपनी कविता की गहराई से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी कविता और 90 के दशक के युग में प्रेम, रिश्तों और भारतीय महिलाओं के चेहरे की कहानियाँ सभी सदस्यों के लिए एक अलौकिक यात्रा थी। शाम की शुरुआत सदस्यों के लिए ओपन माइक से हुई, जिसमे सदस्यों को अपनी प्रतिभा और कविता के प्रति प्रेम का प्रदर्शन करने का मौका मिला। सदस्यों में सिमू घई, पारुल भुगरा, नेहा जैन, पायल मित्तल  ने अपनी कविताओं की भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ प्रस्तुत कीं। 

इसके बाद प्रसिद्ध अभिनेत्री और निपुण कवियित्री प्रिया मलिक ने अपनी प्रस्तुति ‘चाय और कविताएँ’ शीर्षक से प्रस्तुत की। इस सत्र का संचालन वनिता यादव ने किया। अपनी कलात्मक बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाने वाली प्रिया मलिक ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति से चार चाँद लगा दिए। उनके साथ गिटार और गायन पर अभिनंदन जोशी ने संगत की।

अपनी पहली कविता ‘घर’ का पाठ करते हुए प्रिया मलिक ने कहा, ‘जब आपकी जड़ें मजबूत होती हैं, तभी ताकत वास्तव में बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि देहरादून मेरा जन्मस्थान और वहीं पाली बढ़ी लेकिन कभी मैंने भी अपने जन्मस्थान को अनदेखा किया गया लेकिन 10 वर्ष ऑस्ट्रेलिया में मुझे इसकी असली कीमत समझ में आई।  इस भूमि से जुड़ी मेरी जड़ें ही मेरे लचीलेपन का सार हैं।’
इसके बाद उन्होंने अपनी मां के प्रति प्रेम के बारे में एक कविता सुनाई, जिससे दर्शकों के बीच एक मार्मिक माहौल बन गया। उनकी अन्य कविताओं में प्रेम, पुरानी यादें और रिश्तों के विषय से शाम को सुरमयी बना दिया।

भावनाओं से बुनी प्रिया मलिक की काव्य प्रस्तुति ने साहित्य,बोले गए शब्द और प्रदर्शन कलाओं के सहज मिश्रण को प्रदर्शित किया।  प्रिया की अपनी रचनात्मक यात्रा के बारे में अंतर्दृष्टि को दर्शकों ने बहुत पसंद किया, जिससे अभिनय और कविता के बीच उनके अंतरंग संबंध का पता चला।  कार्यक्रम में  फ्लो लखनऊ की चेयरपर्सन विभा अग्रवाल, वंदिता अग्रवाल, स्वाति वर्मा, सीमू घई, आरुषि टंडन, ज्योत्सना हब्बीबुल्ला,स्मृति गर्ग, स्वाति मोहन, सवनित गुरनानी और सिमरन साहनी सहित150 से अधिक फ्लो सदस्यों ने भाग लिया।


अधिक राज्य/उत्तर प्रदेश की खबरें