जौनपुर : पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम को अपहरण और रंगदारी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश शरद त्रिपाठी द्वारा दोषी करार दिया गया. सजा पर सुनवाई बुधवार को होगी. मुजफ्फरनगर निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण रंगदारी और अन्य धाराओं में धनंजय व उनके साथी विक्रम पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए, वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया. इनकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी. इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद पूर्व सांसद गिरफ्तार हुए और बाद में जमानत हो गई थी. न्यायालय ने आज धनंजय सिंह को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया.
लोकसभा चुनाव से पहले धनंजय सिंह को बड़ा झटका
लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ा झटका लगा है. धनंजय सिंह 2024 में जौनपुर लोकसभा सीट से अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं. 2 मार्च को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘साथियों! तैयार रहिए…लक्ष्य बस एक लोकसभा 73 , जौनपुर. जीतेगा जौनपुर, जीतेंगे हम’ संदेश के एक पोस्ट शेयर की थी. उन्होंने अपनी पोस्ट के जरिये अपने इरादे साफ किए. अब सबकी निगाहें कल सजा पर होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं.
धनंजय सिंह ने 2002 में 27 साल की उम्र में जौनपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. 2007 में एक बार फिर से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बन गए. 2009 में बीएसपी के टिकट पर जौनपुर लोकसभा सीट से किस्मत आजमाई और जीतकर संसद पहुंचे.