धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घनश्याम की पूजा करने से साधक के सभी कष्टों का अंत होता है। साथ ही जिन लोगों के प्रेम संबंधों या फिर वैवाहिक जीवन में मुश्किलें आ रही हैं, वो भी समाप्त होती है। भगवान कृष्ण की पूजा के लिए उनका जन्मदिन यानी कि जन्माष्टमी या फिर बृहस्पतिवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
अगर इस दिन कान्हा की विशेष पूजा की जाए और उनके यहां दिए गए मंत्रों का जाप किया जाए, तो यह काफी कल्याणकारी साबित होता है। लेकिन भगवान कृष्ण के मंत्र जाप के कुछ नियम हैं, जिनका जानना बेहद जरूरी है, तो आइए जानते हैं।
भगवान कृष्ण के मंत्र
- ऊँ कृष्णाय नम:
- ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण । कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
- हरे राम हरे राम । राम राम हरे हरे ॥
- कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
- प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
मंत्र जाप के नियम
- किसी भी मासिक जन्माष्टमी से मंत्रों का जाप शुरू करें।
- उत्तर दिशा की ओर मुख करके मंत्रों का जाप करें।
- पीले वस्त्र धारण करें
- शुद्ध घी का दीया जलाएं
- धूप जलाएं और कृष्ण की मूर्ति का फूलों से शृंगार करें।
- इन मंत्रों का एक माला यानी 108 बार जाप करें।
- इनमें से किसी भी एक मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- भगवान कृष्ण की विशेष कृपा पाने के लिए लगातार 10 दिनों तक मंत्रों का जाप करें।