सोनिया गांधी के आवास और कांग्रेस मुख्यालय का किराया : लाखों रुपया बकाया
फाइल फ़ोटो


नई दिल्ली : पाँच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुना के दौरान काँग्रेस पार्टी को असहज तथा शर्मिंदा करने का एक एयर हथियार भाजपा के हाथ लग गया है ! सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से कांग्रेस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय शहरी विकास व आवास मंत्रालय ने एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा है कि कांग्रेस के कई नेता सरकारी इमारतों का किराया नहीं चुका रहे हैं। इन नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी नाम है। पार्टी ने दिल्ली स्थित मुख्यालय और सोनिया गांधी के निवास का किराया लंबे समय से नहीं चुकाया है। लाखों रुपया बकाया हो गया है।  यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता सुजित पटेल की अर्जी के जवाब में केंद्रीय आवास मंत्रालय ने दी है। 

अब भाजपा ने कांग्रेस नेताओ को शर्मिंदा करने के लिए चंदा इकट्ठा कर किराया चुकाने का अभियान शुरू किया है। भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा है कि जब किराए के बराबर चंदा इकट्ठा हो जाएगा तो ये किराया सोनिया गांधी को भेजा जाएगा। इस अभियान की शुरुआत तेजेंद्र बग्गा ने आज सोशल मीडिया पर की। बग्गा ने कहा कि राजनीतिक मतभेदों को छोड़कर मैं एक इंसान के रूप में उनकी मदद करना चाहता हूं। मैंने एक अभियान #SoniaGandhiReliefFund शुरू किया और सोनिया गांधी के खाते में 10 रुपये भेजे। 

भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने जो उत्तर दिया है उसके अनुसार दिल्ली के 24 अकबर रोड पर स्थित कांग्रेस पार्टी मुख्यालय के ऊपर 12,69,902 रुपये का किराया लंबित है । आखिरी बार किराया दिसंबर 2012 में चुकाया गया। इसी के साथ 10 जनपथ रोड स्थित सोनिया गांधी के आवास का भी किराया बाकी है। पिछला किराया सितंबर 2020 में चुकाया गया था। नई दिल्ली की चाणक्यपुरी में सोनिया गांधी के निजी सचिव, विन्सेंट जॉर्ज के बंगला नंबर C-ll / 109 का 5,07,911 रुपये बाकी है। आखिरी बार किराया अगस्त 2013 में चुकाया गया था।


मिली जानकारी के अनुसार नियमानुसार हर राष्ट्रीय व प्रांतीय पार्टी को तीन साल में अपना खुद का कार्यालय बनाना होता है। इसके बाद उसे सरकारी बंगला खाली करना पड़ता है। कांग्रेस को 9ए राउस एवेन्यू में जमीन आवंटित की जा चुकी है, ताकि वह वहां पार्टी कार्यालय बना ले। कांग्रेस को 2013 में ही उक्त दफ्तर व कुछ बंगले खाली करने थे, जो उसने अभी तक नहीं किए हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी कई बार इन्हें खाली करने की मियाद बढ़वा चुकी है।


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