कारगिल विजय दिवस : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा चीन को लेकर नहीं करूंगा नेहरू की आलोचना, किसी की नीति खराब हो सकती है पर नीयत नहीं
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह


श्रीनगर :  रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कारगिल विजय दिवस के मौके जम्मूकश्मीर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. कारगिल वाॅर मेमोरियल में 24 से 26 जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा. उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा, ‘देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को हम आज याद कर रहे हैं. हमारी सेना ने हमेशा देश के लिए यह सर्वोच्च बलिदान दिया है. 1999 के युद्ध में हमारे कई वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी, मैं उन्हें नमन करता हूं.’


रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘1962 में चीन ने लद्दाख में हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. तब पंडित नेहरू हमारे देश के प्रधानमंत्री थे. मैं उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठाऊंगा. इरादे अच्छे हो सकते हैं, लेकिन यह नीतियों पर लागू नहीं होता है. मैं भी एक विशेष राजनीतिक दल से आता हूं, लेकिन मैं भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं करना चाहता. 

उन्होंने कहा कि किसी की नीतियों को लेकर तो हम आलोचना कर सकते हैं, लेकिन किसी की नीयत को लेकर सवाल नहीं उठा सकते.  हालांकि, आज का भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है.’ 1962 में हम लोगों को जो खामियाजा उठाना पड़ा, उससे देश अच्छी तरह से  याद  है. रक्षा मंत्री ने कहा कि उस नुकसान की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है. 

उन्होंने कहा कि देश आज जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूं अब भारत कमजोर नहीं रहा, बल्कि दुनिया का ताकतवर देश बनता जा रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर जम्मू में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात भी की.

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