पश्चिम बंगाल : TMC नेता के घर रेड मारने गई NIA की टीम पर हमला, भीड़ ने बरसाए पत्थर
इस हमले में एनआईए के दो अधिकारियों को कथित तौर पर मामूली चोटें आईं. हालांकि, वे मौके से निकलने और स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचने में कामयाब रहे.


कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की टीम पर लोगों ने हमला कर दिया. एनआईए ने बताया कि इस हमले में एजेंसी का एक अधिकारी घायल हो गया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एनआईए की टीम शनिवार सुबह यहां तृणमूल कांग्रेस के नए नेता के घर पर वर्ष 2022 में हुए बम धमाकों की जांच के लिए पहुंची थी. इस विस्फोट में 3 लोगों की मौत हो गई थी.

सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने दिसंबर 2022 विस्फोट से संबंधित पूछताछ के लिए भूपतिनगर निवासी बलाई मैती और मोनोब्रत जाना सहित टीएमसी के कुछ स्थानीय नेताओं को समन दिया था, लेकिन इन लोगों ने समन को नजरअंदाज कर दिया. इस पर एनआईए की टीम शनिवार सुबह भूपतिनगर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया.

जब वे उन्हें वाहन में बैठाकर वापस जा रहे थे, तो ग्रामीणों के एक समूह ने वाहन को रोका और दोनों को छोड़ने की मांग की. लेकिन एनआईए के अधिकारियों द्वारा उन्हें छोड़ने ने इनकार करने पर 100 से अधिक लोगों के समूह ने वाहन पर हमला कर दिया और उसके शीशे तोड़ दिए. इस हमले में एनआईए के दो अधिकारियों को कथित तौर पर मामूली चोटें आईं. हालांकि, वे मौके से निकलने और स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचने में कामयाब रहे.

बता दें कि पूर्वी मेदिनीपुर के भूपतिनगर में 3 दिसंबर, 2022 को हुए विस्फोट में छप्परपोश घर ध्वस्त हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. एनआईए ने इस विस्फोट के सिलसिले में पूछताछ के लिए पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस के 8 नेताओं को तलब किया था.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने आठों को अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा था, क्योंकि वे पहले के समन में शामिल नहीं हुए थे, जिसमें उन्हें 28 मार्च को यहां के पास न्यू टाउन में एनआईए कार्यालय का दौरा करने का निर्देश दिया गया था.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में इस साल केंद्रीय जांच दल पर हमले की यह दूसरी वारदात है. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम जब संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापा मारने गई थी, तब वहां उन पर हमला कर दिया गया था.

शाहजहां राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक के करीबी बताए जाते हैं, जो करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाला मामले में जेल में बंद हैं. ईडी टीम के साथ गए केंद्रीय बल के जवानों पर भी हमला किया गया था. इस हमले में ईडी के तीन अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

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