सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश
सांकेतिक तस्वीर


नई दिल्ली : राजीव गांधी हत्याकांड केस में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राज्यपाल ने पेरारिवलन की अर्जी पर फैसला करने में काफी समय लगाया.

कोर्ट ने कहा कि धारा 161 के तहत मिली शक्तियों की न्यायिक समीक्षा हो सकती है. कोर्ट ने केंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मिली सजा माफी की मांग पर केवल राष्ट्रपति ही विचार कर सकते हैं.

पेरारिवलन 30 साल की सजा काट चुका है. 27 अप्रैल को कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि पेरारिवलन को रिहा क्यों नहीं किया जा सकता है. जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा था कि बिना कानूनी पहलू पर गौर किए ये बताएं कि क्षमा करने पर फैसला करने के लिए उचित प्राधिकार राष्ट्रपति हैं या राज्यपाल. कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की इस बात के लिए आलोचना की थी कि इस मामले को राष्ट्रपति के पास रेफर कर दिया.

पेरारिवलन की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा था कि राज्य की कैबिनेट ने सजा माफ करने पर अपनी अनुशंसा राज्यपाल को भेजा था लेकिन राज्यपाल ने उसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया. 6 सितंबर 2018 को पेरारिवलन ने राज्यपाल के पास सजा माफी की याचिका दायर की थी. 9 सितंबर 2018 को राज्य सरकार ने अपनी अनुशंसा राज्यपाल को भेज दी थी. राज्य सरकार की अनुशंसा राज्यपाल को माननी होती है. राज्यपाल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है इसलिए उस पर फैसले के बाद वो फैसला करेंगे. 9 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी राज्यपाल ने फैसला नहीं किया.


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