पटरी पर है भारत की अर्थव्यवस्था, आयकर में भी मिलेगी छूट : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण


नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पांचवी बार वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट संसद के पटल पर रखा। बुधवार को अमृत काल का बजट लोकसभा में पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है, जो उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। वेतनभोगियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री ने आयकर छूट की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया।

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में मौजूदा आयकर स्लैब को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है। इस घोषणा के साथ नई टैक्स व्यवस्था के तहत मौजूदा टैक्स स्लैब को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 फीसदी रहने और वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर सात फीसदी रहने का अनुमान है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि 28 महीनों के लिए 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति करने की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के साथ कोई भी भूखा न सोए। इस योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये भारत सरकार वहन कर रही है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।

सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 में सरकार की 7 प्राथमिकताओं के बारे में बताते हुए कहा कि समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचाना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सहस्थान पर 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जाएंगे। विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सके। 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है। पीएम आवास योजना के परिव्यय को 66 फीसदी बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया जा रहा है। पूंजी निवेश परिव्यय 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 फीसदी होगा। उन्होंने कहा कि महामारी से प्रभावित एमएसएमई को राहत दी जाएगी। संविदागत विवादों के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत की जाएगी। गोबर्धन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।

वहीं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण की शुरुआत की जाएगी। युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे। 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए अगले 3 वर्षों में 38,000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।


(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)


अधिक बिज़नेस की खबरें