पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन, दुबई के अस्पताल में ली अंतिम सांस
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ


दुबई :पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (79) का निधन हो गया है. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे और दुबई के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. परवेज मुशर्रफ अमाइलॉइडोसिस बीमारी से पीड़ित थे. गौरतलब है कि देशद्रोह का  आरोप अलग था, जिसके बाद पाकिस्तान की अदालत ने उन्हें  भगोड़ा घोषित किया था, इसके बाद वह दुबई शिफ्ट हो गए थे.


बता दें कि परवेज मुशर्रफ 20 जून, 2001 से 18 अगस्त, 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. मुशर्रफ के कार्यकाल में ही कारगिल घुसपैठ हुई थी और फिर भारत ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ कर कारगिल समेत कई क्षेत्रों पर फिर से कब्जा कर लिया था. आठ माह पहले मुशर्रफ जब बीमार हुए थे तो उनके परिवार ने उनकी एक तस्वीर भी जारी की थी, तब वे दुबई के अस्पताल में भर्ती थे.

जानकारी के मुताबिक मुशर्रफ कई महीने से अस्पताल में भर्ती थे. उनके परिवार ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा था कि वे अमाइलॉइडोसिस नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया है. इस बीमारी में इंसान के शरीर में अमाइलॉइड नाम का असामान्य प्रोटीन बनने लगता है, जो दिल, किडनी, लिवर, तंत्रिका तंत्र, दिमाग आदि अंगों में जमा होने लगता है, जिसकी वजह से इन अंगों के ऊतक (टिश्यू) ठीक से काम नहीं कर पाते.

मुशर्रफ ने सेना में बतौर जूनियर अफसर शुरुआत की थी. उन्होंने 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी. ये युद्ध पाकिस्तान हार गया था. इसके बावजूद पाक सरकार की ओर से बहादुरी से लड़ने के लिए मुशर्रफ को पदक से सम्मानित किया गया था. सरकार ने उन्हें कई बार प्रमोट भी किया. 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने. उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल की साजिश रची, लेकिन बुरी तरह से असफल रहे.

अपनी किताब जीवनी 'इन द लाइन ऑफ फायर-ए मेमॉयर' में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी, लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाए. तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ ने 1998 में परवेज मुशर्रफ पर भरोसा करके उन्हें पाकिस्तानी सेना का प्रमुख बनाया. एक साल बाद ही 1999 में जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए. उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था.

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)


अधिक विदेश की खबरें