नेपाल में लेखक जीएच कादिर को किया गया सम्मानित, लोगों ने दी बधाई
नेपाल राष्ट्र के पूर्व सांसद एवं मंत्री बृजेश गुप्ता के हाथों से सम्मानित होते हल्लौर निवासी लेखक पत्रकार जीएच कादिर


डुमरियागंज। नेपाल की साहित्य संस्था नव कपिलवस्तु साहित्य समाज द्वारा अयोजित पुस्तक लोकार्पण एवं गोष्ठी कार्यक्रम में लेखक जीएच कादिर को सम्मानित किया गया है। नेपाल के कपिलवस्तु में आयोजित भव्य साहित्य समागम में जनपद सिद्धार्थनगर के तहसील डुमरियागंज अंतर्गत कस्बा हल्लौर निवासी लेखक एवं साहित्यकार जीएच कादिर को  संत्था के अध्यक्ष श्याम लाल श्रीवास्तव एवं नेपाल राष्ट्र के पूर्व सांसद एवं मंत्री बृजेश कुमार गुप्ता के हाथों सम्मानित किया गया । 

इस मौके पर संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री नेपाल श्री बृजेश गुप्ता ने कहा कि जीएच कादिर की लिखी पुस्तक सिटी वर्सेज गांव को मैने पढ़ा है जो बेहद शानदार और प्रासंगिक है। उक्त देश में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में नेपाल के कई जाने माने लेखक, साहित्यकार मौजूद रहे । जीएच कादिर के सम्मानित होने पर अष्टभुज शुक्ला , नियाज़ कपिलवस्तवी, रत्नेश शुक्ला,अजय श्रीवस्तव, मेंहदी रिज़वी, विक्रांत श्रीवास्तव, हासिम रिजवी,राजेश यादव, पुरुषोत्तम दूबे, सच्चिदानंद पाण्डे, सलमान आमिर, वसीम अकरम, आलोक श्रीवस्ताव, अहमद शकील, इरफान मिर्जा, सुधीर श्रीवास्तव, अबू आसिम शाही, नूर अहमद नूर, पवन यादव, लोमास पाण्डे,देवानंद पाठक आदि ने बधाई दी है ।

स्कूली बच्चों को मृदा स्वस्थ के बारे में जागरूक किया
सिद्धार्थनगरl आज दिनाँक 04/03/2023 को कृषि विज्ञान केन्द्र सोहना सिद्धार्थनगर में पूर्व माध्यमिक विद्यालय जखोली डुमरियागंज एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाथपरा सिद्धार्थनगर के छात्रों नें कृषि विज्ञान केंद्र सोहना सिद्धार्थनगर का भ्रमण किया | केन्द्र के मृदा विशेषज्ञ प्रवेश कुमार नें बच्चों को को मृदा के निर्माण, मृदा के कार्यों, भारत में पाई जाने वाली मृदाओ के बारे में, क्षारीय एवं अम्लीय मृदाओ के निर्माण उनका भारत में वितरण और उसर मृदा के सुधार क़ी लिये जिप्सम के प्रयोग क़ी जानकारी दी एवं अम्लीय मृदाओं के निर्माण एवं उसके सुधार के लिये चुना का प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी और मृदा परिक्षण प्रयोगशाला का भ्रमण करके प्रयोगशाला के उपकारणों के बारे में जानकारी दी एवं डॉ एस के मिश्रा नें बच्चों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में बताया एवं मृदा को स्वास्थ्य रखने के लिये मृदा में हरी खाद, गोबर क़ी खाद का प्रयोग करें और मृदा परिक्षण के आधार पर उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करें | डॉ. मार्कण्डेय सिंह नें बच्चों को बताया क़ी फसल अवशेष को खेत में ही सड़ायें जिससे मृदा में उपस्थित केंचुआ एवं सूक्ष्मजीव फसल अवशेष को सड़ते हैं और मृदा को उपजाऊ बनाते हैं | फसल अवशेष जलाने से मृदा क़ी उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती हैं और वातावरण भी दूषित हो जाता हैं इसलिए फसल अवशेष को जलाना नहीं है बल्कि खेत में सड़ना है नीलम सिंह नें बच्चों को स्वास्थ्य रहनें के लिये मौसमी सब्जियों फलों दूध आदि को खाएंगे और स्वास्थ्य रहे | कार्यक्रम में श्री अभिषेक कुमार सहयक अध्यापक विज्ञान पूर्व माध्यमिक विद्यालय जखोली डुमरियागंज एवं श्री मारूत पाण्डेय सहयक अध्यापक विज्ञान पूर्व माध्यमिक विद्यालय हाथपारा उपस्तिथि रहे |

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