अलाया केस : शासन ने खारिज की की एलडीए की रिपोर्ट, कहा कोई और अधिकारी हो सकता है जिम्मेदार 
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लखनऊ : अलाया हैरिटेज अपार्टमेंट मामले में शासन की तरफ से एलडीए की रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है। आलाधिकरियों और इंजीनियरों की मिली भगत से तैयार रिपोर्ट में केवल जूनियर इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराया गया था। पूरी रिपोर्ट में जूनियर इंजीनियरों को हादसे का दोषी करार देते हुए शासन को पत्र भेज दिया गया था। अब अधिकारियों की यह बेईमानी उनको ही भारी पड़ गई है। शासन ने रिपोर्ट एलडीए को लौटा दिया है। इसमें पूछा गया है कि यह कैसे हो सकता है कि इस घटना में कोई अन्य अधिकारी जिम्मेदार नहीं हो सकता है। 

शासन के विशेष सचिव की तरफ से एलडीए ने पूछा गया है कि अवैध निर्माण के लिए योजना का काम देख रहे प्रवर्तन के एक्सईएन, एसई, जोनल अधिकारी और न्यायिक विहित प्राधिकारियों की भी भूमिका क्या थी। उनको भी भूमिका तय की जाए। उसके बाद दूसरी रिपोर्ट भेजी जाए। शासन ने एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है। अब इस घटना के बाद मामले में तमाम एक्सईएन, एसई, जोनल अधिकारी और न्यायिक विहित प्राधिकारियों का नाम आना तय है। अभी तक यह लोग हर घटना में बच जाते थे। यहां तक की आग से लेकर अवैध निर्माण तक में इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाती थी। 

एलडीए की तरफ से शासन को भेजी गई रिपोर्ट में साल 2010 से मार्च 2022 तक इस जोन के जूनियर इंजीनियरों की सूची भेजी गई है।लेकिन इसी दौरान 12 साल में यहां तैनात रहे प्रवर्तन के एक्सईएन, मानचित्र सेल के एक्सईएन, जोनल अधिकारी, न्यायिक विहित प्राधिकारी और लेखपालों की सूची भेजी जाएगी। यह सब जिम्मेदार होंगे। याजदान डिवेलपर ने एलडीए से मानचित्र और रजिस्ट्री पेपर के फर्जी दस्तावेज बनाकर रेरा रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया। रेरा ने एलडीए के डॉक्यूमेंट देखकर प्रॉजेक्ट को अप्रूव कर अपनी वेबसाइट पर उसे लीगल प्रॉजेक्ट की मान्यता दे दी। यह दस्तावेज फर्जी साबित होने के बावजूद न तो रेरा ने एफआईआर करवायी और न ही इस मामले में एलडीए की तरफ से ही कोई तहरीर दी गई।

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