यूपी : भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, सप्लाई व्यवस्था में नहीं आया कोई व्यवधान
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है. अभी गर्मी का सीजन चल रहा है और अब तक बिजली की मांग ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. प्रदेश में 10 जून तक बिजली की मांग 26672 मेगावाट तक पहुंच गई है और अभी ये 28 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल बिजली की मांग 26589 मेगावाट थी. लगातार बिजली की बढ़ती मांग के बीच पुराने ट्रांसफार्मर और रिपेयरिंग के काम में गड़बड़ी भी सामने आ रही हैं.

जानकारों का कहना है कि ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग करके एक समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं. इन पर ज्यादा भरोसा करना मानों ये गर्मी में किसी भी जल या फुंक सकते है. इस कारण लोकल फाल्ट की भी समस्या आ रही है. जो भी ट्रांसफार्मर अपने जीवन को पूरा कर चुके हैं, उन्हें जल्द बदलने की जरूरत है. उनको बदलने के बाद ही जल्द ट्रांसफार्मर जलने की समस्या से निजात मिल सकती है.

उत्तर प्रदेश पाॅवर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पहले तो अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं, जो अधिकतम बिजली की मांग के बावजूद सप्लाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में समर्थ हैं . यह उनकी मेहनत का ही परिणाम है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बिजली व्यवस्था में कोई परेशानी न हो, इसके लिए शासन स्तर से अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगानी चाहिए. इससे व्यवस्था में व्यवधान आ सकता है.

वर्तमान में पावर ऑफिसर ऑफिसर एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने जल रहे वितरण ट्रांसफार्मर पर भी विचार विमर्श किया. इसका एक मुख्य कारण यह सामने आया कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में वर्कशॉप में रिपेयरिंग के बाद जो ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं. उनकी क्वालिटी उच्च गुणवत्ता की नहीं है. ऐसे में ऐसे ट्रांसफार्मरों को चिन्हित कर उन्हें सिस्टम से बाहर करना पड़ेगा और उसके स्थान पर नए ट्रांसफार्मर की व्यवस्था करना पड़ेगा. इससे विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा और आर्थिक नुकसान से भी बचत होगी.

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