रोजाना की नींद पूरी कर और थोड़ी देर की फिजिकल एक्टिविटी नशे की लत से छुटकारा दिलाने में बहुत हद तक मददगार साबित हो सकती है। आज के इस लेख में हम इसी के बारे में जानने वाले हैं।
नशे की लत से छुटकारा दिलाने में नींद की भूमिका
शरीर और दिमाग को ठीक करने और आपको रिचार्ज करने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। नशीली दवाओं के सेवन से नींद डिस्टर्ब होती है। नींद की यह कमी से सेहत संबंधी परेशानियां शुरू हो सकती हैं।
सुधरती है दिमाग के काम करने की क्षमता: नशीले पदार्थों का सेवन मस्तिष्क के न्यूरोकेमिकल संतुलन पर असर डालता है, जिससे सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ता है। पर्याप्त नींद मस्तिष्क के फंक्शन को दुरुस्त रखती है। साथ ही फोकस और याददाश्त बढ़ाने में भी मदद करती है।
तलब को मैनेज करना: नींद की कमी ड्रग्स या शराब की तलब बढ़ा सकती है। वहीं पर्याप्त नींद तलब की तीव्रता को कम करती है।
इमोशनल बैलेंस: नींद की कमी से मनोदशा में बदलाव, चिड़चिड़ापन और इमोशनल डिसबैलेंस देखने को मिलती है। वहीं नींद पूरी करने से फिजिकली और मेंटली दोनों ही तरीकों से स्वस्थ रहा जा सकता है।
बेहतर नींद के लिए अपनाएं ये उपाय
समय डिसाइड करें: रोजाना एक ही समय पर सोने और सुबह जागने की कोशिश करें।
नींद का माहौल बनाएं: ध्यान भटकाने वाली चीज़ों को बेडरूम से हटा दें, शोर कम करें और कमरे का माहौल शांत रखें, जिससे नींद अच्छी आएं।
रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें: सोने से पहले मन और शरीर को आराम देने के लिए सोने जाने से पहले थोड़ी देर मेडिटेशन करें। वैसे हल्की स्ट्रेचिंग भी काम आएगी।
नशामुक्ति में व्यायाम की भूमिका
नियमित व्यायाम एक अच्छा विकल्प है, जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत की सुधार में सहायता करता है।
न्यूरोट्रांसमीटर संतुलन को बढ़ावा देना: व्यायाम एंडोर्फिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन के प्रवाह को उत्तेजित करता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर हैं और जो मूड को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नशे की लत वाले व्यवहारों को बदलना: शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना नशे की लत वाले व्यवहारों को बदलने का एक अच्छा ऑप्शन है। जिससे आप चीज़ों पर फोकस कर पाते हैं।
तनाव में कमी: नियमित व्यायाम कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है। जिससे बेवजह का तनाव। नहीं होता।
एक्सराइज को अपने रूटीन में शामिल
धीरे-धीरे शुरुआत करें
लाइट एक्टिविटीज से शुरुआत करें और जैसे-जैसे आपकी फिटनेस का स्तर सुधरता है, उसके बाद इसकी स्पीड बढ़ाएं। सबसे ज़रूरी है कि अपने शरीर को समझना। शुरू-शुरू में बॉडी पर बहुत ज्यादा प्रेशर न डालें।
एन्जॉयफुल एक्टिविटीज करें
ऐसी शारीरिक गतिविधियां चुनें जिसमें आप एन्जॉय करें, फिर चाहे वह साइकिल चलाना हो, स्वीमिंग, डांस या फिर घूमना-फिरना। योगा या जिम क्लास ज्वॉइन करना भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।