गर्भवती महिला को समुचित इलाज न मिलने पर डिप्टी सीएम खफा, चिकित्सा अधीक्षक को किया सस्पेंड
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक


लखनऊ : यूपी सरकार लापरवाही करने वाले अधिकारियों को किसी भी मूड में बख्शने के मूड में नहीं हैं. ऐसे में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत करवाई भी कर रही है. ताजा मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक को हटा दिया है और जांच के आदेश दिए हैं.

बता दें कि चिकित्सा शिक्षा विभाग को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य हो रहा है. रायबरेली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगा था, जिसके बाद घटना को संज्ञान में लेते हुए डिप्टी सीएम ने ये कार्रवाई की है. बताया गया कि रायबरेली के महाराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को इमरजेंसी में इलाज नहीं मिला. आरोप है कि गर्भवती महिला स्ट्रेचर पर तड़प रही थी. इसके बावजूद डॉक्टर ने समुचित इलाज उपलब्ध नहीं कराया. 

घटना की जानकारी होने पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए. रायबरेली सीएमओ को मामले की जांच के आदेश दिए. जांच में आरोप सही मिले, इसके बाद डिप्टी सीएम ने चिकित्सा अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए और मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट दो दिन के अंदर प्रेषित किए जाने का आदेश भी दिया। अगर कोई चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी दोषी पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्यवाही की जाएगी. 

डिप्टी सीएम ने कहा कि महाराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पहले भी शिकायत मिल चुकी है। चेतावनी के बाद भी कार्यशैली में सुधार नहीं आया उन्होंने कहा कि लापरवाह अफसर व कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। वही दूसरी ओर गोंडा जिला अस्पताल की इमरजेंसी में फर्श पर बैठे मरीज का वीडियो वायरल हुआ है. इसमें मरीज के पैर से खून का रिसाव हो रहा है. डिप्टी सीएम ने अस्पताल के सीएमएस से तत्काल मरीज को समुचित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. इमरजेंसी में इलाज मुहैया कराने में देरी के कारणों की जांच के आदेश दिये है.

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)


अधिक राज्य/उत्तर प्रदेश की खबरें