लखनऊ : 29 को बिजनौर में हारी हुई सीटों को लेकर मीटिंग करेंगे शाह और नड्डा
गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा


लखनऊ : अगले साल होने वाले 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है. बीजेपी यूपी में सभी 80 सीटें जीतने के लक्ष्य को लेकर चल रही है. वहीं 2019 में हारी हुई सीटों पर उसकी खास नजर है. गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद यूपी की बागड़ोर अपने हाथों में ले रखा है. इसके लिए 29 जून को वह यूपी आ रहे हैं और बिजनौर में मीटिंग भी करेंगे.

उत्तर प्रदेश में चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा,बीजेपी के चाणक्य कहलाने वाले अमित शाह की आमद जरूरी हो जाती है. कारण साफ अब तक उनकी चुनावी रणनीति कारगर साबित होती आई है. दिल्ली का सत्ता बिन यूपी की मदद मिलती नहीं. बीजेपी यूपी की सहारे केंद्र में लगातार काबिज होती चली आ रही है. उत्तर प्रदेश ने चाहा तो मोदी हैट्रिक लगाने में कामयाब हो सकते हैं.

लक्ष्य 2024 को ध्यान में रखकर ही शाह और नड्डा को यूपी की जिम्मेदारी सी गई है. शाह आगामी 29 जून को बिजनौर से पश्चिमी यूपी की आधा दर्जन हारी हुई सीटों को साधेंगे. मुरादाबाद मंडल की इन सीटों में बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा और नगीना सुरक्षित सीट शामिल है. यूं तो भाजपा  गठबंधन ने 2019 में यूपी की 80 में 64 सीटें जीती थीं. उपचुनावों में रामपुर और आजमगढ़ की जीत के साथ यह संख्या 66 हो गई.

भाजपा के लिए सिरदर्द पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद मंडल की आधा दर्जन सीटें हैं. रामपुर भले ही पार्टी ने उपचुनाव में जीत ली लेकिन भाजपा के आंतरिक सर्वे में अभी भी रेड जोन में ही है. मुस्लिमों, दलितों और यादवों के अलावा जाटों को साधे रखना भी पार्टी के लिए चुनौती है. मुरादाबाद में अकेले मुस्लिम आबादी ही करीब 45 फीसदी है. भाजपा सिर्फ एक विधानसभा सीट ही जीत सकी थी. बिजनौर और अमरोहा लोकसभा सीटें जाट राजनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं.

बिजनौर लोकसभा की पांच में से तीन और अमरोहा की पांच में से दो विधानसभा सीटों पर रालोद और सपा गठबंधन का कब्जा हैनगीना  से लड़ सकते हैं चंद्रशेखरमुरादाबाद मंडल की नगीना सुरक्षित सीट मुस्लिम बाहुल्य है. 2014 में भाजपा ने जीती थी, 2019 में सपा-बसपा गठबंधन में नीले खेमे ने इसे भाजपा से छीन लिया था. इस बार चंद्रशेखर नगीना सहित आसपास के इलाके में उभरे हैंनगीना सुरक्षित सीट से वे खुद मैदान में उतर सकते हैं. उत्तर प्रदेश पर बीजेपी का विशेष ध्यान है. केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेशीय संगठन अभी से दिन रात एक किये हैं. महाजनसंपर्क अभियान इसी कड़ी का हिस्सा है.

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