हर घर तक नल से जल पहुंचाने के प्रयासों में तेजी लाएं : सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ


लखनऊ। यूपी विकास के पथ पर सरपट दौड़ रहा है । विकास की नई तस्वीर नजर आ रही है। जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना की उच्चस्तरीय बैठक में प्रगति की सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा की। बैठक में सीएम योगी ने निर्देश देते हुए कहा कि हर घर तक नल से जल पहुंचाने के प्रयासों में तेजी लाएं। 

सीएम ने कहा कि श्हर घर नल-हर घर जल के संकल्प के साथ प्रदेश के 2.65 करोड़ ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का महाभियान चल रहा है।जल जीवन मिशन अभियान की शुरुआत के साथ पहले ही 5.16 लाख परिवारों को ही नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध था। आज 1 करोड़ 30 लाख से अधिक परिवारों के लिए शुद्ध पेयजल का सपना साकार हुआ है। 59.38 लाख कनेक्शन वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगाए गए हैं,बाकी  घरों को भी पाइप्ड पेयजल की सुविधा मिले इसके लिए काम जारी है।

जल जीवन मिशन पीएम मोदी कीप्राथमिकता में है। केंद्र सरकार द्वारा अभियान की समीक्षा की जा रही है।सर्वेक्षण में अचीवर श्रेणी के  तीन जिले गौतमबुद्ध नगर, जालौन और शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के हैं।परफॉर्मर श्रेणी में मैनपुरी और औरैया को शीर्ष दो स्थान मिले है। एस्पिरेन्ट्स श्रेणी में आजमगढ़ शीर्ष पर है।ऐसे प्रयास सभी जिलों में होने चाहिए। 

सीएम योगी ने कहा कि अप्रैल 2022 में प्रदेश में 22,714 नल कनेक्शन हर महीने लगाए जा रहे थे ,जो आज 12.96 लाख कनेक्शन हर महीने तक पहुंच गए हैं। 43 हजार नल कनेक्शन हर दिन लग रहे हैं,इसे बढ़ाकर हर दिन 50 हजार तक किया जाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को साफ पानी पीने के लिए मिल सके।जल जीवन मिशन जैसे आम आदमी के जीवन को सरल बनाने वाली राष्ट्रीय योजनाओं की सफलता उत्तर प्रदेश के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।

 जल जीवन मिशन के लिए धन की कोई कमी नहीं है जरुरत के हिसाब से हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती की जाए। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल सपना था जो आज साकार हो रहा है। यह दोनों क्षेत्र हमारी पहली प्राथमिकता में है। महोबा प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन रहा है, जहां हर घर नल से जल की सुविधा होगी।  

झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे विंध्य-बुंदेलखंड में आगामी दो महीने में हर घर नल से जल का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।  प्रदेश के 98,445 गांवों में 91,919 गांवों में काम जारी है। गांवों में समय सीमा के भीतर काम पूरा कराया जाएगा। 6800 गांवों के लिए डीपीआर तैयार है, उनकी एसएलएसएससी की स्वीकृति की प्रक्रिया हर हाल में पूरी कर ली जाए। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

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