पेट से जुड़ी समस्या से हैं परेशान तो करें ये काम
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वैसे तो इन दोनों में से आपके लिए क्या खाना सही है यह हर व्यक्ति की जरूरत पर डिपेंड करता है, जैसे अगर आपको स्ट्रेंथ बढ़ानी है, तो रोटी खाने की सलाह दी जाती है, वहीं रात को लाइट डिनर के लिए चावल खाने को सही माना जाता है, लेकिन इनके साथ ही आपको अपनी बॉडी का रिएक्शन भी देखना चाहिए कि वह किस चीज से एनर्जेटिक फील करती है। कुछ लोगों को चावल खाने के बाद भी भूख लगती रहती है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का पेट चावल खाकर पूरा भर जाता है। 

पाचन संबंधी समस्या

अगर आपको पेट फूलना, पाचन संबंधी समस्या या एसिड रिफ्लक्स है, तो रोटी, चावल से अच्छा ऑप्शन हो सकता है। रोटी आमतौर पर गेहूं के आटे से बनती है, जो सफेद चावल से ज्यादा फाइबर लिए होती है। फाइबर पाचन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और बाउल मूवमेंट को नियंत्रित कर सकता है।

 पेट संबंधी समस्या

अगर आपको गैस्ट्राइटिस या पेट के अल्सर जैसी समस्या है, तो चावल को डाइट में शामिल करें। चावल आमतौर पर पचने में आसान होता है और पेट के लिए हल्का माना जाता है।
 
ब्लड शुगर कंट्रोल 

शुगर के मरीज है और इसे कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो रोटी आपके लिए बेस्ट है। गेहूं के आटे से बनी रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सफेद चावल की तुलना में कम होता है। इसका मतलब यह ब्लड में शुगर के लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाता है।

सफेद चावल आमतौर पर रोटी की तुलना में जल्दी पच जाता है। जब पाचन तंत्र संवेदनशील हो या गड़बड़ हो तो सफेद चावल पचाना आसान होता है। इससे जलन या दर्द होने के संभावना भी कम होती है।

पेट को हल्का और कोमल रखने के लिए बिना किसी अतिरिक्त मसाले, तेल या भारी सॉस के बदले उबले सफेद चावल खाना चाहिए। हर एक व्यक्ति के पाचन तंत्र की सहनशीलता अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को रोटी उनके पेट के लिए ज्यादा अच्छी महसूस हो सकती है। अगर आपको रोटी पसंद है और इसे पचाना आसान लगता है, तो आप साबुत गेहूं या मल्टी-ग्रेन वाली रोटी खा सकते हैं।'


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