आइए जानते हैं कि विदेशी निवेशक का भारतीय बाजार की तरफ रुझान क्यों बढ़ रहा है
फाइल फोटो


विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने के पहले सप्ताह में लगभग 22,000 करोड़ रुपये के शेयर निवेश करते हैं। इसका मतलब ये है कि अभी भी एफपीआई का झुकाव भारतीय शेयर बाजार की तरफ है। भारतीय शेयर बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों का सकारात्मक रुख बना हुआ है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार ने कहा, अगर यह सिलसिला जारी रहता है, तो जुलाई में एफपीआई का निवेश मई और जून में दर्ज आंकड़ों से ज्यादा हो जाएगा। एफपीआई ने मई में 43,838 करोड़ रुपये और जून में 47,148 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

डिपॉजिटरीज के आंकड़े

डिपॉजिटरीज की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 1 जुलाई से 7 जुलाई तक एफपीआई द्वारा 21,944 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। एफपीआई मार्च से लगातार भारतीय इक्विटी खरीद रहे हैं । मई में एफपीआई ने 43,838 करोड़ रुपये का निवेश किया था, ये पिछले नौ महीनों में विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार में किया गया सबसे बड़ा निवेश था।

एफपीआई ने अप्रैल में 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वहीं जनवरी -फरवरी में एफपीआई ने  34,000 करोड़ रुपये निकाले थे।
कोटक सिक्योरिटीज के चौहान ने कहा कि विदेशी निवेशकों द्वारा हो रहे निवेश भारत को दूसरे देशों की तुलना में एक मजबूत बाजार के रूप में उभर रहा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में मानसून में सुधार के साथ-साथ पहली तिमाही में कॉर्पोरेट इनकम उम्मीद से बेहतर रह सकती है। इस वजह से विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी में निवेश बढ़ा रहे हैं।

चीन की इकॉनमी में आई मंदी

चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी आ गई है। यह भी एफपीआई के निवेश की बड़ी वजह है। अब विदेशी निवेशक चीन के शेयर बेच कर भारत के शेयर खरीद रहे हैं. उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया है वो अब "भारत खरीदें, चीन बेचें" नीति को अपना रहे हैं।

किन सेक्टरों में विदेशी निवेशक कर रहे निवेश

विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार फाइनेंशियल, ऑटोमोबाइल,कैपिटल गुड्स और निर्माण के शेयर खरीद रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एफएमसीजी और पावर में खरीदारी बढ़ा दी है। उधर, आईटी में बिकवाली का दौर जारी है।डेट मार्केट में भी एफआईआई ने 1,557 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस वर्ष अब तक भारतीय इक्विटी में एफपीआई का निवेश 98,350 करोड़ रुपये और डेट मार्केट में 18,230 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।


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