अब हो जाएं सतर्क-  पूर्वी उत्तर प्रदेश में डेंगू के सबसे खतरनाक वैरिएंट डेन-2 हुआ आगमन
फाइल फोटो


पूर्वी उत्तर प्रदेश में डेंगू का सबसे खतरनाक वैरिएंट डेन-2 भी मौजूद है। बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में 100 नमूनों पर हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। ये नमूने वर्ष 2022 में एलाइजा जांच में पाजिटिव आए डेंगू रोगियों के थे। इनमें चार वेरिएंट की जांच की गई।

48 प्रतिशत नमूनों में सबसे खतरनाक डेन-2 वेरिएंट पाया गया। 12 प्रतिशत नमूनों में डेन-2 व डेन-3 का संयुक्त संक्रमण भी मिला। अध्ययन में जो नमूने शामिल किए गए, वे जिलों के मरीजों के हैं।

इसलिए खतरनाक होता है डेन-2

विशेषज्ञों के अनुसार डेन-2 वैरिएंट को किसी भी वैरिएंट की एंटीबाडी रोकती नहीं, बल्कि विकास में मदद करती है। यदि कोई व्यक्ति पूर्व में डेन-1 से पीड़ित हो चुका है और उसे डेन-2 का संक्रमण हो जाए तो स्थिति गंभीर हो जाती है। इससे प्लेटलेट्स तेजी से गिरता है। खून से पानी रिसने के कारण रक्तचाप कम हो जाता है, जिससे रोगी कोमा में जा सकता है। ब्रेन हैमरेज हो सकता है। अंदर व बाहर रक्तस्राव हो सकता है। झटके भी आ सकते हैं।

इस अध्ययन से स्पष्ट हो गया है कि पूर्वांचल में डेंगू के चारों वैरिएंट मौजूद हैं। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक वैरिएंट डेन-2 की अधिकता है। इससे बचने के लिए अपने घर में या आसपास साफ पानी जमा न होने दें। 

समय-समय पर पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैली बीमारियों पर अध्ययन होते रहते हैं। इनसे बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है। डेंगू की कोई दवा नहीं है, लक्षणों के आधार पर उपचार होता है।


अधिक राज्य/उत्तर प्रदेश की खबरें