कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का रडार तकनीक से सर्वे कराने के आवेदन को मंजूर किया
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वाराणसी : बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में वजूस्थल को छोड़कर परिसर के सर्वे वाली याचिका पर आदेश आ गया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने मां श्रृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रडार तकनीक से सर्वे कराने के आवेदन को मंजूर कर लिया है।

अदालत में हिंदू पक्ष की चार वादिनी रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की तरफ से बीते 16 मई को प्रार्थना पत्र दिया गया था। कहा गया था कि ज्ञानवापी में सील किए गए वजूखाना को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से रडार तकनीक से सर्वे कराया जाए। इस पर 19 मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति की थी। 14 जुलाई को सुनवाई पूरी हो गई थी। तब कोर्ट ने आदेश के लिए पत्रावली सुरक्षित रखते हुए सुनवाई के लिए 21 मई की तिथि तय की थी।

जिला जज की अदालत में आवेदन मंजूर  होने पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताते हुए इसे बड़ी जीत बताया है।  हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं की दलील है कि सर्वे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानवापी की वास्तविकता क्या है। सर्वे में बिना क्षति पहुचाएं पत्थरों, देव विग्रहों, दीवारों सहित अन्य निर्माण की उम्र का पता लग जाएगा। वहीं, विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वे कराने के आवेदन का विरोध किया है।  

 ज्ञातव्य है कि एक दिन पहले अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी फैलाने और शिवलिंग जैसी आकृति पर दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई हुई थी । एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी की ओर से अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी और शवनवाज परवेज ने वकालत नामा लगाया। कोर्ट ने अन्य विपक्षीगण को उपस्थित होने के लिए अगली सुनवाई 16 अगस्त की तिथि तय किया ।


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