सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन के 7वें संस्करण का अनावरण
फाइल फोटो


सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन उत्तर प्रदेश मेंहैंड हाइजीन चैंपियन बनाने के लिए 7.4 लाख बच्चों तक पहुंच बनायेगा आईटीसी के प्रमुख हेल्थ एवं हाईजीन ब्रैंड सैवलॉन ने स्कूलों में चलाए जा रहे। अपने कार्यक्रम, सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन के 7वें संस्करण का अनावरण किया है। सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन अपनी शुरुआत से ही अपनी इस मूल धारणा पर केन्द्रित है कि ज्यादा स्वस्थ बच्चे एक ज्यादा मजबूत भारत का निर्माण करेंगे और इस कार्यक्रम ने स्कूली बच्चों के बीच हाईजीन संबंधी आदतों को लेकर जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिये जमीनी-स्तर की कई गतिविधियों का समर्थन किया है। पिछले कई वर्षों में, इस कार्यक्रम ने भारत के विभिन्न राज्यों में स्कूलों के साथ भागीदारी का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है और इसकी पहल बच्चों में हाथ धोने एवं साफ-सफाई रखने की आदत डालने में सहायता के लिये प्रतिबद्ध है। इस स्कूल कार्यक्रम ने अपनी शुरुआत से लेकर अब तक भारत के 7.6 मिलियन से ज्यादा बच्चों की भागीदारी दर्ज की है। उत्तर प्रदेश हमेशा से उन प्रमुख राज्यों में से एक रहा है, जहाँ इस पहल का समर्थन और क्रियान्वयन हुआ है। विगत वर्षों में सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन ने बच्चों को उनके समुदायों में बदलाव के समर्थक के रूप में ढालने में मदद की है। इस साल कोशिश को बढ़ाकर राज्य के 2700 स्कूलों तक पहुँचाया गया है, जिसमें लखनऊ,कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, आगरा, गाज़ियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, फैज़ाबाद, जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। 

आईटीसी लिमिटेड में पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स बिजनेस के डिविजनल चीफ एक्जीक्यूटिव श्री समीर सत्पथी ने कहा, “हेल्दियर किड्स स्ट्रॉन्गर इंडिया (स्वस्थ बच्चे,मजबूत भारत) के अपने प्रस्ताव के अनुरूप  सैवलॉन स्वस्थ इंडिया स्कूलों में पहुँचने वाला एक व्यापक कार्यक्रम है, जो अनोखी और रोचक मध्यस्थताओं के माध्यम से बच्चों के बीच हाथों की स्वच्छता को बढ़ावा देता है। इस पहल को बढ़ाने के लिये सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन इस साल भारत में 12500 स्कूलों को शामिल करने और 3 मिलियन से ज्यादा बच्चों में हाथ धोने की आदत डालने में मदद के लिये प्रतिबद्ध है।”

क्रैनियोफेशियल एवं माइक्रोसर्जरी में विशेषता-प्राप्त जाने-माने सर्जन डॉ. वैभव खन्ना ने कहा, “हाथों की स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिये सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन के पास एक दिलचस्प तरीका है। हाथों की स्वच्छता और हाथ धोने के आठ चरण समझाने वाले कार्टून किरदारों का इस्तेमाल इसे बच्चों के लिये सचमुच प्रेरक अनुभव बनाता है। मुझे लगता है कि कोई आदत डालने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है रुचि जगाने के लिये प्रक्रिया को भागीदारीपूर्ण एवं दिलचस्प बनाना और स्वास्थ्य के लिये आदत का अभ्यास करना। टीम को मेरी तरफ से बधाई और मैं आग्रह करता हूँ कि ज्यादा से ज्यादा स्कूल इस मिशन से जुड़ें, क्योंकि यह संक्रमणों को रोकने का सचमुच सबसे आसान और प्रभावी कदम है।” 

आईटीसी का सैवलॉन स्वस्थ इंडिया मिशन नए-नए अनुभवों और केन्द्रित प्रयासों के माध्यमसे हाथों को स्वच्छ रखने के लिए व्यवहार में बदलाव लाने में आगे रहा है। रोकथामके योग्य संक्रमण हमारे देश पर बड़ा आर्थिक बोझ डालते हैं और नियमित रूप से हाथ धोनाबीमारियों का फैलना रोकने के सबसे आसान और प्रभावी तरीकों में से एक है। सैवलॉन स्वस्थइंडिया मिशन ने एक अनूठा कदम बढ़ाते हुए, महामारी के बाद भी हाथ धोने का महत्व दोहरानेके लिये सदाबहार महानतम क्रिकेटरों में से एक, सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर इस साल कीशुरूआत में दुनिया के पहले ‘हैण्ड एम्बेसेडर’ का अनावरण किया था। क्रिकेट की दुनियामें अपने असीम योगदान के लिये विश्व-विख्यात मास्टर ब्लास्टर ने क्रिकेट के इतिहासमें कई पहलें करते हुए पीढ़ियों को प्रेरित किया है। 

अब एक नई पहल करते हुए, उन्होंने‘हैण्ड एम्बेसेडर’ के रूप में एक विशेष कार्य से अपने अनमोल हाथ आगे बढ़ाए हैं, ताकिअरबों लोगों को ठीक से हाथ धोने के लिये प्रेरित किया जा सके। उनके बहुमूल्य हाथोंके वास्तविक इम्प्रेशन ने पूरे भारत के स्कूलों की यात्रा शुरू की और बच्चों कोसाबुन से हाथ धोने की याद दिलाई तथा हैंड हाईजीन की संस्कृति विकसित करने के लियेप्रोत्साहित किया। 

इस कार्यक्रम में संवादपरक गतिविधियाँ हैं, जैसे कि स्टोरीटेलिंग और देखने योग्यभागीदारियाँ, जो बच्चों को हाथों की स्वच्छता के अच्छे व्यवहार अपनाने के लियेशिक्षित और प्रोत्साहित करती हैं। इस कार्यक्रम में एक एनिमेटेड सीरीज है, जो हाथोंकी स्वच्छता के लिये अच्छी आदतों को प्रोत्साहित करती है; मजेदार खेल हैं, जो प्राथमिकशाला के बच्चों को शामिल कर उन्हें हाथों की स्वच्छता का महत्व समझाते हैं; साथही एक क्विक हाइजीन क्विज़ और अभिनव तरीके से डिजाइन की गई हैण्डवाशिंग गाइड भी है।स्वतंत्र अध्ययनों ने यह संकेत दिया है कि इस कार्यक्रम ने बच्चों के बीच हाथ धोनेकी आदत को बेहतर बनाया है।


अधिक राज्य/उत्तर प्रदेश की खबरें