मानसून में अर्थराइटिस के दर्द से कैसे राहत पाएं राहत जानें - जरूर
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बारिश के मौसम में गठिया के मरीजों को जोड़ों में अधिक दर्द रहता है। दरअसल ह्यूमिडिटी और बारिश के कारण वातावरण का दबाव कम हो जाता है। जिस कारण मसल्स में सूजन आ जाती है, इसलिए बारिश के मौसम में अर्थराइटिस का दर्द और भी बढ़ जाता है।

अर्थराइटिस

अर्थराइटिस शरीर के हाथों, उंगलियों, पैरों, कंधों आदि को प्रभावित करता है। अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होती है। अर्थराइटिस कई कारणों की वजह से होता है, लेकिन जब खराब खानपान की वजह से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है, तो जोड़ों में दर्द होना शुरू हो जाता है। जो लोग अर्थराइटिस से पीड़ित होते हैं, उन्हें अपने खानपान का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

अर्थराइटिस से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

एक्सरसाइज करें

मानसून में बाहर जाकर आप एक्सरसाइज नहीं कर पाते, इसलिए घर पर ही रोजाना एक्सरसाइज कर सकते हैंष इससे जोड़ों के आसपास की मसल्स मजबूत होती हैं। इससे आपके शरीर में फ्लेसिबिलिटि आपके जोड़ों में दर्द कम होगा।

वजन नियंत्रित रखें

अर्थराइटिस के दर्द से निपटने के लिए वजन नियंत्रित रखना जरूरी है। ज्यादा वजन आपके शरीर के दर्द को बढ़ा देता है। अर्थराइटिस के मरीज को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। अपने डाइट में फ्रूट्स, वेजिटेबल, लीन प्रोटीन, अनाज को जरूर शामिल करना चाहिए।

हॉट थेरेपी लें

अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए हॉट थेरेपी ले सकते हैं। यह जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप हॉट बैग या गर्म पानी से नहा सकते हैं। इससे आपको जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा।

बारिश में भीगने से बचें

बारिश में बाहर ज्यादा न निकलें। ज्यादा देर बाहर रहने से भी जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। बारिश में ह्यूमिडिटी के कारण अर्थराइटिस का दर्द बढ़ता है। इसके साथ ही मौसम के अनुसार ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें जो आपको ठंड से और नमी से बचाएं।

हाइड्रेट रहें

अर्थराइटिस के मरीजों को पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। दिन में कम से कम आठ लीटर पानी पीना जरूरी होता है, इससे दर्द में राहत मिलती है।


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