मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई का लटका मिला शव, पुलिस  जांच में जुटी
बॉलीवुड के मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई


नई दिल्ली : बॉलीवुड के मशहूर आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई का निधन हो गया है. वह 82 साल के थे. नितिन देसाई का शव मुंबई के नजदीक करजत में अपने एनडी स्टूडियो में संदिग्ध हालत में मिला है. नितिन निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड जगत में शोक की लहार दौड़ पड़ी है. नितिन देसाई का शव संदिग्ध हालत में मिलने के बाद पुलिस ने भी जांच शुरु कर दी है. फिलहाल अभी तक पुलिस की ओर से कुछ भी कहा गया नहीं  है, लेकिन प्रथम दृष्ट्या मामला सुसाइड का जाहिर दे रहा है. हालांकि अभी तक पुलिस को कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.


मामले पर क्या बोले एसपी
रायगढ़ के एसपी सोमनाथ घरगे ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, ‘आज सुबह, नितिन देसाई का शव एनडी स्टूडियो में फांसी पर लटका हुआ पाया गया. हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं’. वहीं कहा जा रहा है कि मशहूर आर्ट डायरेक्टर पैसे की तंगी से जूझ रहे थे और उनका स्टूडियो भी ठीक से नहीं चल रहा था. हालांकि, पुलिस की ओर से इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली है.

आर्ट डायरेक्शन में 4 बार मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
नितिन देसाई को चार बार बेस्ट आर्ट डायरेक्शन का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है.  इनमें साल 1999 में उन्हें डॉ. आम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार भी शामिल है.  इसके साथ ही उन्हें ‘हम दिल दे चुके सनम’, ‘लगान’ और ‘देवदास’ के लिए सम्मानित किया गया था. आखिरी बार उन्होंने ‘पानीपत’ फिल्म के लिए काम किया.

2003 में की थी एनडी स्टूडियो की स्थापना
नितिन देसाई ने अपने ही नाम से साल 2003 में एनडी स्टूडियो की स्थापना की थी. जो करीब 43 एकड़ में फैला हुआ है. इसी स्टूडियो में भारत का पहला थीम पार्क भी बना हुआ है.

सुपरहिट फिल्मों के सेट किए डिजाइन
नितिन ने 1989 में ‘परिंदा’ से एक आर्ट डायरेक्टर के रूप में अपनी शुरुआत की और फिर उन्होंने पीछे नहीं देखा. ‘परिंदा’ के बाद 1942: ए लव स्टोरी (1993), खामोशी: द म्यूजिकल (1995), प्यार तो होना ही था (1998), हम दिल दे चुके सनम (1999), मिशन कश्मीर (2000), राजू चाचा (2000), देवदास (2002) शामिल हैं.  उन्होंने मुन्नाभाई एम.बी.बी.एस. (2003), दोस्ताना (2008), और वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई (2010) में भी काम किया. एक आर्ट डायरेक्टर  के रूप में उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म ‘पानीपत’ (2019) और “पौरशपुर’ (2020) थीं. पौरशपुर में उन्हें प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में श्रेय दिया गया था.


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