जानें - कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है
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नाशपाती के बीज भी बड़े होते हैं, लेकिन बाबूगोशा के बीज छोटे और सॉफ्ट होते हैँ। बाबूगोशा का स्वाद नाशपाती से थोड़ा मीठा और ज्यादा जूसी होता है। ये रहा इन दोनों में फर्क अब आइए जान लेते हैं इसे खाने से सेहत को होने वाले फायदे।

विटामिन और मिनरल से भरपूर

बाबूगोशा विटामिन के और पोटैशियम से भरपूर होता है। बॉडी में पोटैशियम की सही मात्रा से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। तो वहीं विटामिन के हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। 

कोलेस्ट्रॉल करता है कम 

बाबूगोशा में पेक्टिन होता है, जो एक घुलनशील फाइबर है, ये ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है। पेक्टिन कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और इसे ब्लड में एब्जॉर्ब होने से रोकता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। 

वजन घटाने में सहायक 

बाबूगोशा में कैलोरी में मात्रा भी काफी कम होती है वहीं फाइबर की अच्छी-खासी मात्रा होती है। जिससे वजन घटाना आसान हो जाता है। क्योंकि इसे खाने से पेट लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और आप अनहेल्दी खाने से बच जाते हैं। बाबूगोशा में मौजूद फाइबर ब्लड में शुगर के एब्जॉप्शन को भी धीमा करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।

बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता  

बाबूगोशा विटामिन सी और फ्लेवोनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाती है जिससे शरीर कई सारी संक्रामक बीमारियों से बचा रहता है। विटामिन सी की मात्रा से शरीर में सूजन की समस्या भी कम होती है। 

पाचन रखता है दुरुस्त  

जैसा कि ऊपर बताया गया कि बाबूगोशा में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। इससे पाचन दुरुस्त रहता है। फाइबर से कब्ज की समस्या दूर होती है और पेट के कैंसर के जोखिमों को कम करने में भी मदद मिलती है। यह हेल्दी गट बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है।


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