मुलायम सिंह यादव के पहले लोस चुनाव में हुई हत्या का मुकदमा वापस लेगी सरकार
फाइल फोटो


सपा के संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव के पहले लोकसभा चुनाव के दौरान सपा-भाजपा समर्थकों के बीच हुए संघर्ष में हुई हत्या के दूसरे मामले को वापस लेने का रास्ता साफ हो गया है।

राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद एडीएम रामजी मिश्र ने जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को केस वापस लेने को पत्र भेजा है। 1996 में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से सपा प्रत्याशी थे। भाजपा ने उपदेश सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया था।

सपा और भाजपा समर्थकों की हुई थी हत्या

मतदान के दिन सात मई को गुनैया मतदान केंद्र के पास भाजपा और सपा समर्थकों के बीच संघर्ष हो गया। इस घटना में भाजपा समर्थक शेरसिंह व रामौतार और सपा समर्थक रामभरोसे की हत्या कर दी गई थी। दोनों मामलों में पुलिस ने चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी थी।

सपा शासन के दौरान सपा समर्थकों पर दर्ज हत्या के मामले को सरकार ने वापस ले लिया था। सपा समर्थक द्वारा दर्ज कराया गया मामला न्यायालय में अब तक विचाराधीन है। इस मामले में पुलिस ने उपदेश सिंह चौहान समेत बारह के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी।

आरोपित उपदेश सिंह चौहान समेत चार की मुत्यु हो गई। अन्य आठ आरोपितों के खिलाफ मामले की सुनवाई चल रही है। भाजपा समर्थकों ने भी मामला वापस लेने के लिए भागदौड़ की। जिला प्रशासन से आख्या लेने के बाद राज्यपाल ने अनुमति प्रदान कर दी है।

12 जुलाई को विशेष सचिव मुकेश कुमार सिंह ने डीएम को पत्र लिखा था। अपर जिला मजिस्ट्रेट रामजी मिश्र ने डीजीसी फौजदारी को पत्र भेजकर केस वापस लेने की कार्रवाई शुरू करने को कहा है।



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