जोहान्सबर्ग : नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग हुई बात, प्रधानमंत्री बोले- रिश्ते तभी सुधरेंगे  जब एलएसी पर शांति रहेगी 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग


नई दिल्ली : साउथ अफ्रीका में तीन दिन चले ब्रिक्स सम्मेलन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सीधी बातचीत हुई। इधर, पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव घटाने के लिए भारत और चीन ने लगातार 6 दिन तक मेजर जनरल स्तर की मैराथन वार्ता करके गुरुवार देर रात खत्म की है। दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।


भारत और चीन के बीच 19 वें दौर की सैन्य वार्ता 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो में हुई थी। साढ़े तीन साल से चल रहे गतिरोध के बीच यह बैठक सबसे ज्यादा 70 घंटे तक चली, जिसमें कई मुद्दों पर सहमति बनती नजर आई थीं। उस समय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शेष मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा हुई। 

इसके बाद भारतीय और चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी और चुशूल सेक्टर में एक बार फिर मेजर जनरल स्तर की वार्ता 19 अगस्त को शुरू की। इस सैन्य बैठक को इतना गोपनीय रखा गया कि किसी को इस मैराथन कवायद की भनक तक नहीं लग सकी। दोनों देशों के बीच लगातार हुई बैठक का खुलासा गुरुवार देर रात को तब हुआ, जब भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने डेप्सांग और डेमचोक क्षेत्र में लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए अपनी छह दिवसीय मैराथन वार्ता समाप्त कर ली।

दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता उस दिन संपन्न हुई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स के आखिरी दिन शिखर सम्मेलन से इतर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा मुद्दों पर वार्ता की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जोहान्सबर्ग में मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला।

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