रायबरेली : एम्स के डाक्टरों ने ओपेन हार्ट के बजाय नाॅन सर्जरी से बचायी मरीज की जान
इस कार्यशाला का आयोजन एम्स रायबरेली में सहायक प्रोफेसर डॉ.अंकित गुप्ता द्वारा किया गया था और पाठ्यक्रम निदेशक जीएमसीएच चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ.जीत राम कश्यप थे।


लखनऊ। देश के मेडिकल क्षेत्र ने आज एक बार फिर दुनिया के सामने ताकत का खुला शानदार नमूना पेश किया।अब तक देश की राजनीति में हमेशा चर्चा में रहने वाले और प्रधानमंत्री देने वाले क्षेत्र के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले ने आज एक ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसका लोहा लम्बे समय तक देश मेडिकल क्षेत्र मानता रहेगा। 

एम्स रायबरेली में पहली कार्डियक स्ट्रक्चरल इंटरवेंशनल कार्यशाला रायबरेली की एक युवा महिला में परक्यूटेनियस कैथेटर निर्देशित एएसडी डिवाइस क्लोजर सफलतापूर्वक किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन एम्स रायबरेली में सहायक प्रोफेसर डॉ.अंकित गुप्ता द्वारा किया गया था और पाठ्यक्रम निदेशक जीएमसीएच चंडीगढ़ के प्रोफेसर डॉ.जीत राम कश्यप थे।

एएसडी क्लोजर एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट एएसडी को बंद करने की एक प्रक्रिया है। एएसडी तब होता है जब सेप्टम का हिस्सा ऊतक जो आपके ऊपरी दो हृदय कक्षों एट्रिया को अलग करता है। ठीक से नहीं बनता है। मामला यह रहा कि रायबरेली में स्थापित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायबरेली एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ अंकित गुप्ता और डा जीतराम तथा आईटी टीम के हेड अर्पित बाजपेई और उनकी टीम ने दिल में छेद से ग्रस्ति गम्भीर मरीज़ सैतालिस वर्षीय अर्चना की नान सर्जरी करके मरीज़ की जान बचा ली। 

वहीं दो घंटे तक चली नाॅन सर्जरी का आपरेशन थियेटर में यूट्यूब पर लाइव प्रसारण करके देश दुनिया को भारत की मेडिकल की कुशल क्षमता से परिचय कराया। बताते चलें एम्स रायबरेली से पहली बार की सर्जरी का लाइव प्रसारण किया गया था। इस सम्बन्ध में डा अंकित गुप्ता ने बताया कि इस तरह के मरीजों की ओपेन हार्ट सर्जरी करनी पड़ी है लेकिन इस केस में पैर की नसों के माध्यम से दिल में डिवाइस लगा कर मरीज़ की जान बचायी गयी है।

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