डिलीवरी में होने वाले कॉम्प्लीकेशन से बचा सकते हैं ये टिप्स
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आज के लेख में हम जानेंगे प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में कैसे रखें अपना रूटीन और खानापान, जिससे बचा जा सके डिलीवरी के समय आने वाली परेशानियों से। 

9वें महीने में कैसा होना चाहिए खानपान

- प्रेग्नेंसी के दौरान मूड स्विंग्स होते रहते हैं, कभी मीठा खाने का दिल करता है, तो कभी तीखा-चटपटा। नॉनवेज खाने के लिए भी दिल ललचाता रहता है, तो चिकन, मटन तो फिर भी ठीक है, लेकिन इस दौरान सी फूड खाना अवॉयड करें। ऐसा इसलिए क्योंकि सी फूड में ओमेगा 3 की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में ओमेगा-3 को पचाने में द‍िक्‍कत हो सकती है, जो परेशानी बढ़ा सकता है।

एसिडिटी की प्रॉब्लम न हो, इसके लिए चाय-कॉफी कम पिएं

एल्कोहॉल का सेवन तो पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। वैसे तो इसकी सलाह एक्सपर्ट्स प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही दे देते हैं, लेकिन आखिरी महीनों में इसका खास ध्यान रखना चाहिए। 

प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में कैल्शियम रिच डाइट लेने से बच्चे की हड्डियां भी मजबूत होती हैं। साथ ही कैल्शियम का भरपूर इंटेक प्रेग्नेंसी के बाद जोड़ो के दर्द से भी राहत दिलाता है। इसके लिए अपनी डाइट में दूध, दही, संतरा और तिल आदि को शामिल करें।

प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में बच्चे का पूरा विकास हो चुका होता है। जिसके कारण वजन भी बढ़ चुका होता है। इस दौरान आपको पाचन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती है। इससे बचने के लिए आपको फाइबर रिच फूड्स का सेवन करना चाहिए।  


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