जानिए जानते हैं कब रखा जाएगा नवंबर का पहला प्रदोष व्रत
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हर माह में दो बार यानी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष पर प्रदोष व्रत किया जाता है। 29 अक्टूबर से कार्तिक माह की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा। साथ ही जानते हैं प्रदोष व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त। 

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

आश्विन माह की शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारम्भ 10 नवंबर 2023, शुक्रवार के दिन दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है। वहीं इसका समापन 11 नवंबर दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 10 नवंबर, शुक्रवार के दिन किया जाएगा। शुक्रवार के दिन पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 30 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि 

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त हो जाएं। इसके बाद भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। प्रदोष व्रत की पूजा दो बार की जाती है, एक सूर्यास्त से पहले और दूसरी सूर्यास्त के बाद। इस दिन प्रदोष काल में की गई पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।

इसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। अब भोलेनाथ जी की विधि-विधान के साथ पूजा करें और शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्ति के लिए इस दिन भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें। शाम के समय पुनः इसी विधि से भगवान शिव की पूजा कर फलहार से व्रत का पारण करें।

प्रदोष व्रत महत्व 

प्रदोष व्रत पर महादेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। शास्त्रों में माना गचा है कि प्रदोष व्रत करने से साधक को जन्म-जन्मान्तर के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक पर भोलेनाथ की विशेष कृपा बनी रहती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी प्रकार की समस्याएं भी दूर होती हैं।


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