शरीर में इंसुलिन की कमी या जब सेल्स इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते, तब ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है और डायबिटीज की समस्या होती है। इससे बचाव करने के लिए हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, शुगर बढ़ना ही नहीं, बल्कि ब्लड में शुगर का कम होना भी खतरनाक हो सकता है। ब्लड शुगर लेवल के कम होने को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। वक्त पर इसका इलाज न होने पर, जान भी जा सकती है। यह समस्या ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों के साथ होती है।
क्या है हाइपोग्लाइसीमिया
आपके शरीर में शुगर लेवल की मात्रा का सामान्य से कम होना, हाइपोग्लाइसीमिया कहलाता है। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, 70 mg/dL से कम शुगर लेवल होना लो ब्लड शुगर या हाइपोग्लाइसीमिया कहलाता है। यह ज्यादातर टाइप-1 डायबिटीज वाले लोगों को होता है। यह टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को भी हो सकता है। साथ ही जिन लोगों को डायबिटीज नहीं है, उन्हें भी हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम होती है। यह समस्या होने पर तुरंत कार्बोहाइड्रेट से भरपूर कुछ खाना चाहिए।
क्या हो सकते हैं इसके लक्षण
- शरीर का कांपना या थरथराहट होना
- बहुत अधिक पसीना आना
- दिल की धड़कनों का तेज होना
- चक्कर आना
- बहुत जोर से भूख लगना
- त्वचा का अचानक से सफेद या पीला होना
- कन्फ्युजन या कुछ समझ नहीं आना
- झुंझलाहट
- चेहरे का सुन्न होना
- बेहोश होना
- बोलने में तकलीफ होना
- धुंधला दिखना