लखनऊ : सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय का गुरुवार को लखनऊ स्थित भैंसाकुंड में अंतिम संस्कार किया गया. सुब्रत रॉय को मुखाग्नि उनके बेटे की बजाय पोते ने दी. दरअसल, दोनों बेटे अपने पिता सुब्रत रॉय अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. अंतिम संस्कार के मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राज बब्बर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.
बता दें कि अंतिम संस्कार से पूर्व सुब्रत रॉय अंतिम यात्रा सहारा शहर से बैकुंठ धाम पहुंची थी. सुब्रत रॉय के बेटों का अंतिम संस्कार में पहुंचने पर तरह-तरहके कयास लगाए जा रहे हैं. सुब्रत की पत्नी स्वप्ना रॉय और दोनो बेटे सीमांतो और सुशांतो मेसेडोनिया में रहते हैं. सेबी और अन्य वित्तीय एजेंसियों की नजर उनके बेटों पर हैं इसलिए उनके दोनों बेटे भारत नहीं आए. सुब्रत की पत्नी अपने पोते के साथ भारत आईं और उन्हें मुखाग्नि दी.
इससे एक दिन पहले बुधवार को उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के गोमती नगर में स्थित उनके विला सहारा शहर लाया गया था, जहां अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों की तादाद में लोग पहुंचे थे. उल्लेखनीय है कि सुब्रत रॉय का मंगलवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया था. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.
बिहार के अररिया जिले में हुआ था जन्म
कंपनी के बयान के मुताबिक रॉय का कार्डियो रेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण निधन हुआ है. सहारा प्रमुख का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ था. उन्होंने कोलकाता में शुरुआती पढ़ाई पूरी की. उसके बाद गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. सुब्रत रॉय ने अपना पहला कारोबार गोरखपुर से ही शुरू किया था.
पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय, अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे दोनों बेटे, पोते ने दी मुखाग्नि
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पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय