नई दिल्ली : गाजा में इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध चार दिन के लिए थमने जा रहा है. हमास और इजरायल की आपसी सहमति के बाद इस युद्ध पर कुछ दिन के लिए विराम लगने जा रहा है, जो गुरुवार सुबह 10 बजे से शुरू होकर अगले चार दिनों तक चलेगा. इस दौरान हमास और इजरायल दोनों ओर से बंधक बनाए गए लोगों को छोड़ा जाएगा. लेकिन ये सब होने से पहले फिलिस्तीन ने इजरायली सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने कहा है कि मंगलवार की देर रात से आईडीएफ ने हमले तेज कर दिए हैं. उन्होंने बताया कि अस्पतालों और रिफ्यूजी कैंपों को निशाना बनाया जा रहा है. इस दौरान हमलों में 100 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इनमें एक ही परिवार के 52 लोगों के मारे जाने की बात सामने आई है.
फिलिस्तीनी विदेश मंत्री ने लंदन में अरब देशों के विदेश मंत्रियों की एक ब्रीफिंग में कहा, ''बुधवार सुबह ही, नॉर्थ गाजा के जबालिया के कदौरा में एक ही परिवार के 52 लोगों को पूरी तरह से मिटा दिया गया. उन्हें इजरायल ने मार डाला.'' ऐसे में सवाल उठता है कि इस तरह के हमलों के बाद क्या हमास सीजफायर को जारी रखेगा? क्या फिलिस्तीनियों से जारी झड़प का असर बंधकों की रिहाई के समझौते पर हो सकता है? अब ये चिंता अमेरिका समेत कई देशों को सता रही है, जिनके बंधक इस वक्त हमास के कब्जे में हैं.
इजरायल के ताजा हमले में 100 फिलिस्तीनियों की मौत, रद्द हो सकता है बंधकों को छुड़ाने वाला समझौता
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बता दें कि इस समय हमास ने अमेरिका के 9, थाईलैंड के 23, अर्जेंटीना के 15, जर्मनी के 12, फ्रांस के 6 और रूस के 6 नागरिकों को बंधक बनाया हुआहैं. कुल 240 बंधक हमास के कब्जे में हैं. गौरतलब है इजरायल ने बंधकों की रिहाई के बदले चार दिन के युद्ध विराम को मंजूरी दी है. पहले चरण में हमास 50 बंधकों को छोड़ेगा जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. इसके बदले में इजरायल अपनी जेलों में बंद 300 फिलिस्तीनियों को रिहा करने पर सहमत हुआ है. लेकिन पहली किश्त में वो 150 फिलिस्तीनियों को ही रिहा करेगा.