इस महीने कालाष्टमी 5 दिसंबर को मनाई जाएगी
फाइल फोटो


कालाष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना गया है। यह प्रति माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस महीने यह 5 दिसंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप कालभैरव की पूजा का विधान है।

ऐसा कहा जाता है, जो भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ इस दिन उपवास रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, लेकिन इस व्रत के कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। तो आइए जानते हैं -

कालाष्टमी पूजा विधि

  • कालाष्टमी के दिन लोग कठोर उपवास रखते हैं।
  • इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ भगवान कालभैरव की पूजा का विधान है।
  • सुबह पवित्र स्नान करें।
  • एक चौकी पर कालभैरव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • विधि अनुसार भैरवबाबा की पूजा करें।
  • फूलों की माला अर्पित करें।
  • फल-मेवा, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  • कालभैरव अष्टकम का पाठ करें।
  • पूजा का समापन आरती से करें।
  • इसके अलावा काले कुत्तों को खाना खिलाएं।

कालाष्टमी व्रत का नियम

साधक घर पर कालभैरव की पूजा कर सकते हैं। अगर संभव हो तो शिव मंदिर जाएं, जहां कालभैरव की प्रतिमा हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर देवताओं को दूध और रोटी खिलाने से बहुत पुण्य मिलता है। यह दिन तंत्र पूजा के लिए भी विशेष माना गया है।

इस दिन की रात को, लोग पूरी रात जागरण करते हैं। और अगली सुबह कालभैरव की पूजा के साथ उपवास संपन्न होता है। इस बात का ख्याल रखें कि व्रत के दौरान सुबह से शाम तक कुछ भी न खाएं। अगर संभव न हो तो दूध और फलों का सेवन कर सकते हैं।


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