मुंबई : दिल का दौरा पड़ना आज के समय में कॉमन सा हो गया है. क्या बड़ा क्या छोटा दिल का दौरा अब किसी भी उम्र के लोगों को अचानक से पड़ जाता. बीते कुछ सालों में इस तरह के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. एक ताजा मामले में 51 वर्षीय मुलुंड निवासी 16 महीने में पांच बार दिल का दौरा पड़ चुका है. जिसकी वजह से उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है. उन्हें पांच स्टेंट लगाए गए हैं, छह एंजियोप्लास्टी और एक कार्डियक बाईपास सर्जरी हुई है.
बता दें पीड़िता नेहा (उसका बदला हुआ नाम), जिसे आखिरी बार 1 और 2 दिसंबर को कैथ लैब में ले जाया गया था, इस दौरान नेहा ने कहा, “मैं केवल यह जानना चाहती हूं कि मेरे साथ क्या गलत है और क्या मुझे तीन महीने बाद एक नया ब्लॉकेज विकसित होगा.” उन्हें पहला दिल का दौरा सितंबर 2022 में जयपुर से बोरीवली लौटते समय एक ट्रेन में हुआ था और रेलवे अधिकारियों द्वारा उन्हें अहमदाबाद के एक सार्वजनिक अस्पताल में ले जाया गया था.
अभी वह मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने कहा “हमने एंजियोप्लास्टी के लिए मुंबई जाना पसंद किया.” महिला ने कहा कि पहले उनका वजन 107 किलो था. साथ ही वह डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा था जिसके कारण वह परेशान थी. लेकिन अब उनका वजन तेजी से घटा है और उन्हें कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए इंजेक्शन लगवाने पड़े.
उन्होंने शुगर को तो कंट्रोल कर लिया था लेकिन हार्ट अटैक के कारण वे घबराई हुई है. डॉक्टर्स का कहना है कि एंजियोप्लास्टी के बावजूद ब्लॉकेज की समस्या उभर रही है. हालांकि डॉक्टर्स ने महिला को बेहद लकी भी माना है कि उन्हें इतने हार्ट अटैक के बावजूद बचा लिया गया. डॉक्टर ने कहा बहुत कम ऐसे मामले देखने और सुनने को मिलते हैं कि इतने कम समय में इतने अटैक के बाद कोई बच जाता है.
इसी साल 4 अटैक आए, क्या मोटापा बना कारण
महिला ने बताया कि उन्हें इसी साल फरवरी, मई, जुलाई और फिर नवंबर में हार्ट आए. उन्होंने बताया कि बेचैनी, सीने में जलन और तेज दर्द के लक्षण से वह घबरा गई थी और तुरंत ही अस्पताल पहुंची. वे अपने मोटापे से भी परेशान रही हैं, शायद इसी कारण बार-बार हार्ट आ रहे हों. उन्होंने कहा कि मैंने खानपान, दवाएं समय पर और सभी सावधानियां बरतीं, लेकिन मुझे हार्ट अटैक से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है.