सीएम योगी ने शायराना में अखिलेश पर किया पलटवार, कहा- बड़ा हसीन है...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव


लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में भाषण देते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा,’मुझे अफसोस हो रहा था कि नेता विरोधी दल लीग से हट कर आजकल बोलने के आदी हो चुके है. यही बीमारी बिहार में देखने को मिल रही है. मेरे वित्त मंत्री शेरो शायरी के शौकीन हैं. सीएम योगी ने शायराना अंदाज में कहा, ‘बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में लाखों बस्तियां लूटी, वही नसीब की बात करते हैं.’

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा,’नेता सदन आजकल इस तरीके के बयानों के लिए जाने जा रहे हैं. यूपी विधानसभा विधान परिषद में चर्चा का माहौल बना है. विरोधी दल के नेताओं को तैयारी करके आना चाहिए. ऐसे ही विपक्ष में बैठे रहे प्रार्थना करते हैं. अनुपूरक बजट के बारे में पहले जानकारी लेनी चाहिए. 2017 के पहले और 2017 के बाद का उत्तर प्रदेश अलग है.’

सीएम योगी ने विपक्ष पर साधा निशाना
सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में बजट का आकार बढ़ा है. 2017 से 2022/23 तक हमारा बजट प्रतिवर्ष बढ़ा है. ये अनुपूरक बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है. प्रदेश में जब सरकार बजट लेकर आती है तो अपने आय का भी ध्यान रखना होता है. प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतरीन ढंग से हो रहा है. आज प्रदेश रेवेन्यू सरपलस स्टेट है. आज राज्यकर डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंच रहे है. स्टाम्प ने आज हम 34 हजार करोड़ तक पहुंचे. एकसाइज़ में 58 हजार करोड़ तक प्राप्त हो रही है.

अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘नेता प्रतिपक्ष के आंकड़े वास्तविक नहीं थे. अच्छा होमवर्क नहीं कर पाए. उनके पास समय ही नहीं होता’. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बैंको के माध्यम से ऋण वितरित किए गए. आज 5 किमी के क्षेत्र मे बैंकिंग ब्रांच या बैंकिंग सखी के माध्यम से कार्य हो रहे है. आंकड़े आरबीआई बुलेटिन से आपके सामने है, किसी मैगज़ीन से नहीं!.’

सीएम योगी ने कहा, ‘आज प्रदेश जीएसटी रजिस्ट्रेशन में, इथेनोल प्रोडकशन में नंबर एक है. नेता प्रतिपक्ष हर कार्य को समाजवादियों की बताने से नहीं चूकते. इनके कारनामे सब जानते हैं. जून 2016 में इनकी कैबिनेट में गोमती रीवर फ्रंट का रिवाइज़ एस्टीमेट 1513 करोड़ का हुआ. 1437 करोड़ खर्च होने के बाद भी कार्य अधूरा ही रह गया. इसकी जांच हो रही है.

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