नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद अब बनारस में ज्ञानव्यापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह का मुद्दा भी इस वक्त गर्माया हुआ है. ज्ञानव्यापी मस्जिद पर गुरुवार को सामने आई भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट में यह साफ तौर पर बताया गया है कि मस्जिद को मंदिर के खंभों पर ही बनाया गया था. ऐसे में पड़ोसी देश पाकिस्तान में इसे लेकर बौखलाहट होना तो तय था. पाकिस्तान के डोन न्यूज की खबर के अनुसार पाक सरकार ने अब इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) के समक्ष उठाया है. यूएन में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र के सचिव को लिखकर अपनी झल्लाहट जाहिर की.
पाकिस्तान में हिन्दु, ईसाई सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदाय का क्या हाल है, ये हर कोई जानता है. इसके बावजूद भी पाकिस्तान दूसरे देश के मामलों में टांग डालने से पीछे नहीं हटता. अपनी आर्थिक बदहाली को सुधारने से ज्यादा पाकिस्तान का फोकस दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने पर है. ताजा प्रकरण में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी सदस्य मुनीर अकरम ने संयुक्त राष्ट्र गठबंधन के अवर महासचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘मैंने अपने पत्र में कहा कि ध्वस्त बाबरी मस्जिद के स्थान पर ‘राम मंदिर’ का अभिषेक हिंदू बहुसंख्यकवाद के परेशान करने वाले उदय का संकेत है और यह प्रवृत्ति भारतीय मुसलमानों की शांति और सद्भाव सहित उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है.
पाकिस्तान की बौखलाहट
मुनीर अकरम ने कहा कि मैंने उनका ध्यान मस्जिदों और अन्य पवित्र स्थलों को अपवित्र करने के खतरों की ओर आकर्षित किया है और भारत में इस्लामी विरासत और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है. बता दें कि अयोध्या श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिला गया था. पड़ोसी देश के विदेश विभाग की तरफ से इसपर अपनी निराशा जाहिर करते हुए एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई थी.
OIC में भी उठाया मुद्दा
उसने ज्ञानव्यापी मंजिद और मथुरा में शाही ईदगाह को लेकर भी भविष्य में खतरा होने की बात कही थी. बाद में पाकिस्तान के ईशारे पर 57 मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन) ने भी बाबरी मस्जिद साइट पर राम मंदिर के निर्माण की निंदा की थी.