फिल्म बड़े मियां छोटे मियां ने अपनाया रियल एक्शन, बॉलीवुड में नए बदलाव की शुरुआत
बड़े मियां छोटे मियां


हमारी इंडस्ट्री में जहाँ फ्लैशी विज़ुअल इफेक्ट्स और CGI का भरपूर इस्तेमाल होता है , वहाँ अब बॉलीवुड सिनेमा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है - एक ऐसा बदलाव जहाँ रियल एक्शन को आर्टिफिशियल चीजों को छोड़कर महत्व दिया जा रहा है। पूजा एंटरटेनमेंट की फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' इस बदलाव को सबसे आगे होकर अपना रही हैं , जिसके चलते प्रमाणिकता को सिल्वर स्क्रीन पर लाने का साहस किया जा रहा है। 

अब वह दिन नहीं रहे जहाँ ऑडियंस भरी भरकम स्टंट और CG देखकर खुश हो जाती थी। आज के ज़माने में ऑडियंस बदल गयी है और उन्हें एक्शन को लेकर जितना रियल कंटेंट दिया जाए उसके साथ ही वह एंटरटेन होते हैं। फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां ' सिनेमा जगत में रियल एक्शन  का लुत्फ़ ऑडियंस को देने वाली है। फिल्म निर्माता अली अब्बास जफर के नेतृत्व में बन रही है यह फिल्म जिनकी फिल्में हमेशा से मेगा एक्शन से भरपूर  होती है और इस फिल्म के माध्यम से वह एक्शन थ्रिल को एक नए मुकाम तक लेकर जा रहे हैं। 

अभी हाल ही में फिल्म की एक झलक मेकर्स ने शेयर की, जिस से साफ़ नज़र आ रहा है - रियल एक्शन से बढ़कर कुछ नहीं। दिल थाम देने वाले हेलीकॉप्टर युद्धाभ्यास से लेकर हड्डियों को हिला देने वाले टैंक विस्फोटों तक, हर क्रम को व्यावहारिक प्रभावों और वास्तविक दुनिया की सेटिंग्स का उपयोग करके सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है।ग्रीन स्क्रीन के भरोसे इस बार काम नहीं हो रहा है। इस बार ऑडियंस के लिए सिर्फ और सिर्फ रियल एक्शन आ रहा हैं। 

VFX  पर वास्तविक एक्शन को प्राथमिकता देने का निर्णय एक साहसिक निर्णय है और इसका फल भी मजेदार मिलने वाला है। ऑडियंस कंप्यूटर जनित विस्फोट और सेट पर किए गए व्यावहारिक प्रभाव के बीच अंतर को समझ सकते हैं। एक असल के शोर में जो सच्चाई है उसे  पोस्ट-प्रोडक्शन मं् दोहराया नहीं जा सकता है।

बॉलीवुड में इस बदलाव का नेतृत्व कर रहे है बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ, जिनकी प्रामाणिकता के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में हर कोई जानता है । ये ऐसे अभिनेता हैं जो अपने शरीर को दांव पर लगाने, अपने स्टंट स्वयं करने और अपने कैरेक्टर में पूरी तरह से सच्चाई लाने के लिए तत्पर रहते है। उनका यह समर्पण ऑडियंस को नजर आता है और इस वजह से  मनोरंजन ही नहीं बल्कि एक सिनेमाई कलात्मकता के दायरे में ले जाता है।

लेकिन इस बदलाव के लिए केवल अभिनेता ही नहीं हैं जो प्रशंसा के पात्र हैं - यह निर्माता, वाशु भगनानी और जैकी भगनानी हैं, जिन्होंने खुद  फिल्म के लिए डायरेक्टर को चुना है , स्टंट कोऑर्डिनेटर को चुना है और स्पेशल इफ़ेक्ट आर्टिस्ट भी उन्होंने खुद फिल्म के लिए चुने। है सभी को यही बताते हुए -रियल एक्शन और कम से कम VFX . और उनके इस समर्पण की दाद देनी पड़ेगी। 

ऐसे युग में जहाँ CGI सर्वोच्च है - फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' रियल एक्शन की शक्ति के प्रमाण के रूप में सबके सामने सशक्त होकर खड़ी है।

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