राज्यसभा की 10 सीटें पर 11 उम्मीदवार, बीजेपी ने संजय सेठ को 8वां प्रत्याशी बनाकर अखिलेश यादव की बढ़ाई टेंशन
बीजेपी की तरफ से 8वां प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ ने किया नामांकन


लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने यूपी के 10 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव को और मजेदार बना दिया है. सपा और सहयोगी दलों में राज्यसभा प्रत्याशियों को लेकर छिड़ी रार का फायदा उठाने के लिए बीजेपी ने आठवां प्रत्याशी भी मैदान में उतार दिया है. बिल्डर और राज्यसभा सांसद संजय सेठ ने गुरुवार को अपना नामांकन किया. संजय सेठ के नामांकन में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के कई नेता और प्रस्तावक मौजूद रहे. ऐसे में अब 10 सीटों के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजेपी की तरफ से 8 और सपा की तरफ से 3 प्रत्याशी मैदान में हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए 27 फ़रवरी को वोट डाले जाएंगे. 

दरअसल, बीजेपी के 7 राज्य सभा प्रत्याशी बुधवार को ही नामांकन कर चुके है. मौजूदा संख्या बल के आधार पर ये सभी निर्वाचित होंगे. लेकिन अब आठवां प्रत्याशी उतारकर बीजेपी अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी है. हालांकि, बीजेपी को आठवें प्रत्याशी को जीताने के लिए 14 अतिरिक्त वोटों की जरुरत होगी. बता दें कि एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 वोटों की आवश्यकता होगी. मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के 108 विधायक हैं. कांग्रेस के दो विधायक मिलाकर यह संख्या 110 हो जाती है. ऐसे में सपा को अपने तीसरे उम्मीदवार को जीताने के लिए 111 वोटों की जरूरत है. लेकिन पार्टी में ही प्रत्याशियों के नाम को लेकर रार दिखने लगी है. विधायक पल्लवी पटेल ने साफ कह दिया है कि वह सपा के खिलाफ वोटिंग करेंगी. ऐसे में पार्टी को अपने ही वोट को सहेजना बड़ी चुनौती है.

AIMIM का दावा सपा के मुस्लिम विधायक नाराज
उधर, AIMIM प्रवक्ता असीम वकार ने दावा किया है कि सपा के मुस्लिम विधायकों ने उनसे संपर्क कर अखिलेश यादव के फैसले पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं बनाया गया है. ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए. असीम वकार ने दावा किया कि उन्होंने सपा के मुस्लिम विधायकों को सलाह दी है कि पल्ल्वी पटेल की तरह वे भी क्रॉस वोटिंग करें. अगर असीम वकार का यह दावा सच है तो समाजवादी पार्टी में क्रॉस वोटिंग भी हो सकती है.

पुराने सपाई हैं संजय सेठ
दूसरी तरफ संजय सेठ पुराने सपाई रहे हैं. आज भी कई बड़े नेता उनके संपर्क में माने जाते हैं. 2019 में बीजेपी ज्वाइन करने से पहले वे सपा से राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. इतना भी नहीं वे सपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी ने सोच समझकर संजय सेठ को उतारा है, क्योंकि आज भी उनकी सपा में मजबूत पैठ मानी जाती है.


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