सोनिया गांधी क्यों नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव ? खत लिखकर रायबरेली की जनता को बताई वजह
सोनिया गांधी


नई दिल्ली : कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को पत्र लिखकर आभार जताया और कहा कि स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने रायबरेली की जनता का आभार जताया और कहा कि वह भले ही सीधे तौर पर उनका प्रतिनिधित्व न करें, लेकिन उनका मन-प्राण सदा वहां की जनता के साथ रहेगा.

सोनिया गांधी ने पत्र में कहा, ‘अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी. इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा करने का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके साथ रहेगा.’ सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से नामांकन दाखिल किया. पहली बार वह उच्च सदन में जा रही हैं. वह 1999 से लोकसभा की सदस्य हैं। वह 2004 से रायबरेली का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

सोनिया गांधी ने खत में क्या लिखा
”नमस्कार… मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है. वह रायबरेली आकर आपलोगों में मिलकर पूरा होता है. यह नेह-नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है. रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं. आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फिरोज गांधी जी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा. उनके बाद मेरी सासद श्रीमति इंदिरा गांधी जी को आपने अपना बना लिया. तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और हमारी आस्था मजबूत होती चली गई.

इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी. सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया. पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे. मैं यह कभी नहीं भूल सकती. यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है.

अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी. इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिान यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा. मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं.”

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