इंग्लैंड के खिलाफ बाकि बचे टेस्ट से बाहर हुए आर अश्विन, ये गेंदबाज लेगा उनकी जगह
आर अश्विन (File Photo)


नई दिल्ली : भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला राजकोट में खेला जा रहा है. टीम इंडिया को मैच के दूसरे दिन एक बहुत बड़ा झटका लगा. स्टार स्पिनर आर अश्विन को निजी कारणों की वजह से मैच को बीच में छोड़कर घर लौटना पड़ा. अचानक से बीच में मैच से नाम वापस लेने के बाद अब कप्तान रोहित शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सवाल यही है कि क्या भारत 10 खिलाड़ियों के साथ आगे खेलेगा या फिर उसे रिप्लेसमेंट मिलेगा.

राजकोट टेस्ट मैच में भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी. पहले दिन के खेल में खराब शुरुआत के बाद टीम को उन्होंने अपने दमदार शतक से संभाला. ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने दूसरी छोर पर उनका साथ निभाते हुए 200 रन की साझेदारी कर भारत की वापसी कराई. पहली पारी में इन दोनों के शतक के अलावा डेब्यू करने वाले सरफराज खान ने अर्धशतक जमाया. भारतीय टीम ने 445 रन का स्कोर खड़ा किया. दूसरे दिन इंग्लैंड ने 2 विकेट पर 207 रन बनाए थे.

प्लेइंग इलेवन में बदलाव संभव है क्या
भारतीय टीम को दूसरे दिन के खेल में आर अश्विन के रूप में बड़ा झटका लगा. अब वह आगे इस मुकाबले में टीम का हिस्सा नहीं होंगे. ऐसे में सवाल यही है कि क्या उनकी जगह पर किसी खिलाड़ी को उतारने का मौका मिलेगा. अगर गेंदबाज उतरा तो उसे गेंदबाजी करने की अनुमति होगी. तो जान लीजिए क्या कहता है इसे लेकर आईसीसी का नियम. नियम के मुताबिक अश्विन के रिप्‍लेसमेंट के तौर पर प्लेइंग इलेवन में किसी खिलाड़ी को शामिल करने के लिए इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और टीम मैनेजमेंट की अनुमति चाहिए होगी. अक्षर पटेल टीम लिस्ट में 12वें जबकि केएस भरत 13वें खिलाड़ी हैं. इन दोनों में कप्तान किसी को भी अश्विन की जगह मौका दे सकते हैं.

क्या कहता है आईसीसी की नियम
एमसीसी के नियम 1.2.2 के अनुसार विरोधी टीम के कप्‍तान की अनुमति के बिना दूसरी टीम अपने प्‍लेइंग इलेवन में बीच मैच के दौरान किसी खिलाड़ी की जगह पर किसी और को शामिल नहीं कर सकती. अश्विन की जगह फील्डिंग करने के लिए सब्स्टीट्यूट को रोहित शर्मा जरूर उतार सकते हैं लेकिन बिना स्टोक्स के इजाजत के वह किसी को अश्विन की जगह प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं कर पाएंगे. मतलब टीम इंडिया 10 खिलाड़ी और एक सब्स्टीट्यूट के साथ मैदान पर उतरेगी. आईसीसी की नियम कहता है कि सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी न तो बैटिंग कर सकता है और टीम के लिए गेंदबाजी में योगदान दे पाएगा. वह सिर्फ फील्डिंग ही कर सकता है.

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