स्वामी प्रसाद मौर्य बने राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोकसभा चुनाव से पहले बनाई नई पार्टी
स्वामी प्रसाद मौर्य


समाजवादी पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब अखिलेश यादव की ‘साइकिल’ से पूरी तरह से उतरने का ऐलान कर दिया है। गुरुवार यानी 22 फरवरी को उन्होंने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते खोलते हुए नए पार्टी का ऐलान कर दिया है। पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) रखा है। जिसके बाद वो अब राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं। जिसके बाद वो वहां मौजूद अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी करेंगे।

तीन दिन पहले ही सपा और MLC पद से दे दिया था इस्तीफा
दरअसल, आज दिल्ली में स्वामी ने पार्टी का ऐलान करते हुए शक्ति प्रदर्शन का भी फैसला किया है। इस दौरान कार्यकर्ता के सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसके मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल होंगे। बता दें, उन्होंने तीन दिन पहले ही सपा की प्राथमिक सदस्यता और अपने MLC पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान उन्होंने हाईकमान पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव को खूब खरी खोटी सुनाई थी। मौर्य ने अखिलेश की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, “अखिलेश यादव ‘समाजवादी विचारधारा’ के खिलाफ जा रहे हैं। सपा छोड़ने का कारण उन्होंने ‘अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के साथ वैचारिक मतभेद’ बताते हुए कहा था कि, “मैं स्वच्छ राजनीति में विश्वास करता हूं। मैंने अखिलेश यादव को देखा है वो समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे थें। मेरे पास उनके पिता मुलायम सिंह यादव के साथ काम करने का अनुभव है। वो एक कट्टर समाजवादी नेता थे, अखिलेश उनकी विरासत को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

2013 में ही हो गया था पार्टी का औपचारिक
हालांकि ऐसा नहीं है के उन्होंने अपने नए ऐलान आज ही किया है। इस पार्टी का औपचारिक गठन उन्होंने 2013 में साहेब सिंह धनगर में कर दिया था, मगर पार्टी चुनावी राजनीति में अपनी कुछ ख़ास छाप नहीं छोड़ पाई। जिसके चलते ये कभी लाइमलाइट में आ ही नहीं पाई। मगर अब एक बार फिर मौर्य के कमान संभालने से पार्टी के अंदर नई उम्मीद जाग चुकी है। ऐसा मानना है कि उनके नेतृत्व में संगठन को फिर से नई जान आ जाएगी।

योगी सरकार में स्वामी थे कैबिनेट मंत्री
ध्यान देने वाली बात यह है की स्वामी प्रसाद मौर्या करीब 20 साल पहले बसपा में कई बड़े पदों पर कार्यरत रहे है। मायावती सरकार में उनको कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी मिल चुकी है। उसके बाद 2017 के चुनाव से पहले उन्होंने पाला बदलते हुए बीजेपी का हाथ थाम लिया था। फिर योगी सरकार में बाकायदा स्वामी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। मगर ये साथ बस 5 साल तक ही चल पाया, फिर मौर्य का कमल से मोहभंग हो गया। 2022 के चुनाव से पहले उन्होंने सपा में शामिल होने का ऐलान करते हुए यूपी के सियासी गलियारे में हलचल मचा दी थी। अब देखना यह होगा कि इस नई पार्टी के गठन से आगामी लोकसभा चुनावों में वो अखिलेश यादव और अन्य दिग्गज पार्टियों को कितनी चुनौती दे पाते हैं। 

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