राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालकृष्ण आडवाणी को घर जाकर किया सम्मानित, पीएम मोदी और उपराष्ट्रपति धनकड़ भी रहे मौजूद
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया.


नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी वहां मौजूद रहे. भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में शुमार लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी को गुमनामी से निकालकर सत्ता के शिखर तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है. आडवाणी के बारे में कहा जाता है कि 1990 के दशक में उनकी रथयात्रा के बाद ही बीजेपी राष्ट्रीय राजनीति में उभर कर सामने आई. 3 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी.

1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद से लालकृष्ण आडवाणी ने सबसे लंबे समय तक बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर के दौरान, लालकृष्ण आडवाणी पहले गृह मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार (1999-2004) के मंत्रिमंडल में उप प्रधानमंत्री रहे.

कराची में जन्म, बंटवारे के बाद आए भारत
8 नवंबर, 1927 को कराची, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में पैदा हुए लालकृष्ण आडवाणी विभाजन के बाद भारत आ गए. यहां उन्होंने हैदराबाद के डीजी नेशनल कॉलेज से स्नातक करने के बाद, मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की. इसके बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए और 1947 में राजस्थान में इसकी गतिविधियों की कमान संभाली.

जब 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ (बीजेएस) की स्थापना की तो लालकृष्ण आडवाणी पार्टी की राजस्थान इकाई के सचिव बने और 1970 तक इस पद पर बने रहे. 1960-1967 तक, वह जनसंघ की राजनीतिक पत्रिका ऑर्गनाइज़र में भी थे, जहां उन्होंने सहायक संपादक के रूप में काम किया. 1970 के बाद वह देश की सभी राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र के करीब चले गये और पार्टी की दिल्ली इकाई में शामिल हो गये.

राष्ट्रपति ने इन चार विभूतियों को भी दिया भारत रत्न सम्मान
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को देश की चार महान हस्तियों – पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव एवं चौधरी चरण सिंह, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर और देश के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया था. इन चारों विभूतियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया.


(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते है)


अधिक देश की खबरें