जानें - रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम वनडे के बाद टी-20 सीरीज अपने नाम करना चाहेगी
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वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी-20 मैच में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने एक साथ कई प्रयोग किए। अपने बेंच स्ट्रेंथ को आजमाना जरूरी भी था। श्रेयस के फार्म में होते दूसरे अय्यर को मौका दिया गया। अनुभवी कुलदीप यादव के रहते नए नवेले रवि बिश्नोई को आजमाया गया। इशान किशन को फिर से पारी शुरू करने भेजा गया। पहले मैच में ये सारे प्रयोग कारगर साबित हुए और भारत ने आसानी से मैच जीत लिया। अब एक दिन के अंतराल में दूसरा मैच है। सब यही सोच रहे हैं कि दूसरे मैच को लेकर राहुल-रोहित की रणनीति क्या होगी? अंतिम एकादश क्या होगा? कोच-कप्तान पहला मैच जिताने वाले एकादश के साथ बढ़ेंगे या नए खिलाड़ियों को मौका देने के लिए टीम में बदलाव करेंगे?

राहुल-रोहित भली-भांति समझ रहे हैं कि अगले टी-20 विश्वकप में ज्यादा समय नहीं है इसलिए सही टीम संयोजन पाने के लिए लगातार प्रयोग करते रहना होगा, लेकिन उन्हें इस बात का भी आभास होगा कि इसमें संतुलन जरुरी है। ज्यादा प्रयोग से जीत की लय न बिगड़े इसलिए वे ताबड़तोड़ प्रयोग करने के पक्ष में नहीं होंगे क्योंकि सीरीज फतह करनी अभी बाकी है। ऐसे में दूसरे टी-20 मैच में बहुत ज्यादा बदलाव की गुंजाइश कम ही दिख रही। बल्लेबाजी विभाग में तो इस वक्त इसकी जरुरत भी महसूस नहीं की जा रही। गेंदबाजी में प्रयोग देखने को मिल सकता है, खासकर तेज गेंदबाजी में।
सूर्यकुमार-वेंकटेश नई भूमिका में

टी-20 विश्वकप के लिए उम्दा मैच फिनिशर और विशुद्ध आलराउंडर की जरुरत है। टीम प्रबंधन समझ रहा है कि इस बाबत सिर्फ हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा के भरोसे रहने से नहीं चलेगा। उनके विकल्प की जरुरत है इसलिए सूर्यकुमार यादव और वेंकटेश अय्यर पर खास जोर दिया जा रहा है। वनडे सीरीज के आखिरी मैच में श्रेयस अय्यर के मैच जिताऊ पारी खेलने के बावजूद टी-20 सीरीज के पहले मैच में उनकी जगह वेंकटेश को मौका दिए जाने से साफ हो गया है कि टी-20 विश्वकप में उन्हें ही बतौर आलराउंडर आस्ट्रेलिया ले जाने की योजना पर काम चल रहा है। पहले टी-20 मैच में फील्डिंग के दौरान वेंकटेश के हाथ में लगी चोट गंभीर न हुई और वे खेलने की स्थिति में हुए तो दूसरे टी-20 मैच में भी श्रेयस की जगह उन्हें ही प्राथमिकता दी जाएगी। वैसे वेंकटेश ने हाथ में चोट लगने के बावजूद बल्लेबाजी की थी। कप्तान रोहित ने मैच के बाद वेंकटेश के चयन पर साफ तौर पर कह भी दिया था कि टीम को आलराउंडर की जरुरत है। वहीं सूर्यकुमार यादव मैच फिनिशर की भूमिका में होंगे। अभी जो स्थिति है, उससे लगता है कि रितुराज गायकवाड़ को अपनी बारी के लिए इंतजार करना होगा।

विराट का खराब फार्म-

ऊपर-ऊपर भले कहे कि सब ठीक है लेकिन टीम प्रबंधन को अंदरखाने विराट कोहली का खराब फार्म परेशान कर रहा है। विराट जैसे मैच विनर का बल्ला खामोश रहने से टीम संयोजन पर असर पडऩा लाजिमी है। विराट मुख्यतया बेहद महत्वपूर्ण तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आते हैं। उस नंबर पर खेलने वाले बल्लेबाज का क्रीज पर टिकना बेहद जरुरी है। ऐसे में उनका जल्द फार्म में लौटना अनिवार्य हो गया है।

विंडीज टीम को करना होगा कुछ स्पेशल-

दूसरी तरफ विंडीज टीम के लिए इस वक्त कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा। वनडे के बाद टी-20 सीरीज बचाना भी उसके लिए कड़ी चुनौती साबित हो रही है। कप्तान कीरोन पोलार्ड को अब खुद मोर्चा संभालना होगा। सीरीज बचाने के लिए अगले मैच में पोलार्ड के बल्ले से आतिशी गति से रन निकलना बहुत जरुरी है। इंग्लैंड के खिलाफ पिछली टी-20 सीरीज में ताबड़तोड़ शतक जडऩे वाले रोवमैन पावेल को भी दम दिखाना होगा। आलराउंडर जेसन होल्डर की वापसी होती है तो मेहमानों को बल मिलेगा। पिछले मैच में विंडीज टीम के लिए सकारात्मक पहलू निकोलस पूरन और काइल मेयर्स की बल्लेबाजी रही। गेंदबाजी वनडे की तरह ही बेदम नजर आई।

टीमें -

भारत : रोहित शर्मा (कप्तान), इशान किशन, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, रिषभ पंत, वेंकटेश अय्यर, दीपक चाहर, शार्दुल ठाकुर, रवि बिश्नोई, युजवेंद्रा सिंह चहल, मुहम्मद सिराज, भुवनेश्वर कुमार, आवेश खान, हर्षल पटेल, रुतुराज गायकवाड़, दीपक हुड्डा, कुलदीप यादव और हरप्रीत बरार।

वेस्टइंडीज : कीरोन पोलार्ड (कप्तान), निकोलस पूरन, फैबियन एलेन, डेरेन ब्रावो, रोस्टन चेज, शेल्डन काटरेल, डोमिनिक ड्रेक्स, जेसन होल्डर, शाई होप, अकील हुसैन, ब्रेंडन किंग, रोवमैन पावेल, रोमारियो शेफर्ड, ओडियन स्मिथ, काइल मेयर्स, हेडन वाल्श जूनियर।

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