Rohilkhand: कल्याण सिंह के फैक्टर को प्रभावी बनाए रखने के लिए, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा संभालेंगे कमान
फाइल फ़ोटो


बदायूं: रुहेलखंड में पिछड़ा वर्ग के वोटरों में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मजबूत पकड़ रही है। वह भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मतदाताओं से जिस तरह का उन्होंने करीबी रिश्ता बनाया है, जल्दी टूटने वाला नहीं है। खासकर लोधी समाज के  वोटरों में उनके प्रति दीवागनी रहती थी। उस दौर में उन्होंने स्थानीय नेताओं के साथ धरातल पर जाकर काम किया था। कार्यकर्ताओं को नाम लेकर पुकारते थे। वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर तत्काल निर्णय लेते थे। उनके साथ रहकर केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने बहुत उतार-चढ़ाव देखे, इसलिए कल्याण फैक्टर को प्रभावी बनाए रखने के लिए वही कमान संभालेंगे।

बात उन दिनों की है जब राम मंदिर आंदोलन चल रहा था। कल्याण सिंह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। यहां जिले में उसके पहले से ही उनका आना-जाना रहता था। वरिष्ठ नेता होतराम वर्मा से उनके बहुत करीबी संबंध रहे। चुनाव के समय टिकट को लेकर इतनी हाय-तौबा मचाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। खुद जिले में भ्रमण कर हालात का जायजा लेते थे। वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा करके यहीं पर टिकट फाइनल कर देते थे। होतराम वर्मा बताते हैं कि राजनीति का वह दौर अलग था। तब संस्कार और दलगत निष्ठा हुआ करती थी। 

बड़े नेता ने जो कह दिया उसका सभी आदर के साथ पालन करते थे। उनके साथ पूरे रुहेलखंड ही नहीं प्रदेशभर में दौरा कर संगठन को मजबूत किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र पाल सिंह उनके साथ की स्मृतियां साझा करते हुए कहते हैं कि कई बार उनके साथ ट्रेन से लखनऊ तक सफर किया। बूथ स्तर पर जाकर काम करते थे और कार्यकर्ताओं तक उनकी पहुंच रहती थी। वरिष्ठ नेता स्वतंत्र प्रकाश गुप्त एडवोकेट कहते हैं कि कल्याण सिंह चुनाव से पहले हर विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करते थे। चुनाव के दौरान का प्रसंग सुनाते कहा कि एक बार वह सहसवान से मुजरिया की तरफ आ रहे थे। 

बाग में हम लोग उनका इंतजार कर रहे थे, टिकट को कुछ नेताओं में मनमुटाव चल रहा था। वह गाड़ी से उतरे और अंगोछा बिछाकर बैठ गए, सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता बैठे। कुछ देर चर्चा की और कह दिया जाओ इनको चुनाव लड़ाओ। जिले के लोधे वोटरों में उनकी मजबूत पकड़ रही है। राजनीतिक दलों से मिले आंकड़ों के मुताबिक बिल्सी विधानसभा क्षेत्र में 32 हजार तो शेखूपुर में 30 हजार लोधे वोटर हैं। बदायूं में भी लोधे वोटरों की संख्या 28 हजार है।

जबकि दातागंज में 18 हजार, बिसौली में दस हजार और सहसवान में पांच हजार लोधे वोटर हैं। कल्याण सिंह के साथ लंबे समय तक राजनीतिक उठापटक झेलने वाले बीएल वर्मा उन्हीं के साथ रहकर केंद्रीय राज्यमंत्री तक का सफर तय किया है। लोधे वोटरों में यह भी अपनी पकड़ मजबूत कर चुके हैं। पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची में इनका नाम शामिल किया है, इसलिए यह रुहेलखंड में अतिरिक्त प्रयास करेंगे।

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