यूपी विधान परिषद चुनाव : अखिलेश ने इमरान मसूद और ओपी राजभर को दिया झटका, आजम खान के करीबी को बनाया उम्मीदवार,
अखिलेश यादव (fILE pHOTO)


लखनऊ : यूपी की 13 विधान परिषद सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने 9 तो सपा ने 4 उम्मीदवारों  के नामों का ऐलान किया है.  यही नहीं अखिलेश के मौजूदगी में सपा के चारों कैंडिडेट ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के उन उम्मीदवारों को निराशा हाथ लगी है, जो विधान परिषद पहुंचने के फिराक में थे. इमरान मसूद से लेकर ओम प्रकाश राजभर तक को सियासी झटका लगा है तो आजम खान के करीबी को एमएलसी बनाकर उनकी नाराजगी को अखिलेश ने दूर करने की कोशिश की है.

सपा ने एमएलसी के लिए चार प्रत्याशी उतारे
समाजवादी पार्टी ने जिन चार उम्मीदवारों को विधान परिषद के लिए चुना है उनमें स्वामी प्रसाद मौर्य, जासमीर अंसारी, मुकुल यादव और शाहनवाज खान के नाम शामिल हैं. इन सभी उम्मीदवारों ने बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी छोड़कर सपा में आने वाले स्वामी प्रसाद और कांग्रेस छोड़कर आए जासमीर अंसारी को अखिलेश ने विधान परिषद के लिए उम्मीदवार बनाया है.

इमरान मसूद को झटका
दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी छोड़कर सपा में आए स्वामी प्रसाद मौर्य और कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आने वाले जासमीर अंसारी को एमएलसी का टिकट दिया गया, लेकिन कांग्रेस छोड़कर आए इमरान मसूद को न तो विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था और न ही राज्यसभा व विधान परिषद में प्रत्याशी बनाया है. इतना ही नहीं, इमरान मसूद के साथ कांग्रेस छोड़कर सपा में आने वाले सहारनपुर देहात से विधायक रहे मसूद अख्तर को समाजवादी पार्टी ने नजरअंदाज किया है.

ओम प्रकाश राजभर के अरमानों पर फिरा पानी
सपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को भी अखिलेश यादव ने तगड़ा झटका दिया है. बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश राजभर बेटे अरविंद राजभर के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनके भी अरमानों पर पानी फिर गया है. 

स्वामी प्रसाद को एमएलसी बनाया
अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को एमएलसी बनाकर गैर-यादव ओबीसी वोटों को सियासी संदेश दिया है. खासकर 6 फीसदी वाले मौर्य, शाक्य, सैनी और कुशवाहा समाज को, क्योंकि स्वामी प्रसाद इसी समुदाय से आते हैं. स्वामी प्रसाद इस समाज के बड़े नेता माने जाते हैं, जिन्हें सियासी तवज्जो देकर अखिलेश यादव अपना सियासी समीकरण का दुरुस्त करना चाहते हैं.

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