लोकसभा चुनाव : बीजेपी कई दिग्गजों का कटेगा टिकट, कई के बदलेंगे ठिकाना
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लखनऊ : मिशन फतह 2024 को लेकर सियासत अभी से गरमाने लगी है। कारण कहने को लोकसभा चुनाव अगले साल हैं मगर सच में तो बमुश्किल नौ महीने बाकी है। बीजेपी कैडर बेस्ड पार्टी है, लक्ष्य खातिर कोई रिस्क नहीं लेती। अपने पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों की अपने तरीके से हाईकमान परफॉर्मेंस रिपोर्ट देखता रहता है। इस समय चल रहा महा जनसंपर्क अभियान मोदी सरकार के नौ साल की उपलब्धियां लेकर जनता के दरबार में हाजिर है। मकसद साफ है, अपनी बताते हैं और क्षेत्रीय लोगों की सुनते हैं। जाहिर है कि पार्टी पदाधिकारियों से पार्टी इलाकाई हालात भी जानेगी। 

हालात तो क्षेत्रीय लीडरान की लोकप्रियता का भी खुलासा कर देंगे। टिकट वितरण में असर डाल सकती है रिपोर्ट। कई बेटिकट हो जाये तो बड़ी बात नहीं होगी,कई अपनी दावेदारी मजबूत कर सकते है। 2024 में लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ यूपी की 80 संसदीय सीटे हैं। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य की भाजपा से बढ़तीं दूरियां जाहिर हैं। ये अकेले नहीं है और भी नाम उत्तर प्रदेश के जिलों से हो सकते हैं जो बेटिकट हो जाये।बरेली मंडल के एक राजनीतिक घराने के बड़े नेता की फिर से एंट्री की तैयारी है। इससे पहला चुनाव वह भाजपा स हार गए थे। अब वह भगवा खेमे में हैं।  

लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी चल रही है। भाजपा से बगावत का बिगुल फूंकने वाले राजनीतिक घराने के एक और युवराज भी अपनी सीट बदलने की फिराक में है। बरेली की पीलीभीत और बदायूं लोकसभा सीटों का इतिहास है कि यहां बाहरी नेताओं ने जीत दर्ज की है। बाहरी कद्दावर नेता इधर नजरें जमाए बैठे हैं। भाजपा से बरेली लोकसभा टिकट के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का नाम ही चर्चा में है। उनके समर्थक भी आश्वस्त हैं। पार्टी के कुछ युवा टिकट दावेदार  लखनऊ से लेकर दिल्ली, नागपुर और गुजरात तक  लॉबिंग में जुटे हैं। 

आरएसएस और भाजपा में मजबूत पकड़ रखने वाले एक युवा भाजपा नेता ने बरेली से लोकसभा टिकट की मजबूत दावेदारी पार्टी हाईकमान से की है।2024 का लोकसभा चुनाव मोदी योगी लहर पर सवार होकर ही लड़ा जाएगा। एक दिग्गज नेता संघ के ही एक बड़े नेता की बरेली से छुट्टी करवा चुके हैं। इसके बाद अब मंडल की राजनीति संघ के इन्हीं दिग्गज नेता के इर्द गिर्द है। बरेली के भगवा खेमे का दूसरा गुट विपक्ष जमीनी नेता को अपने खेमें में लाने की जुगत में लगा है। विपक्ष के ये कद्दावर नेता पूर्व में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। मोदी लहर में उनको पराजय का मुंह देखना पड़ा। 

पिछले लोकसभा चुनाव में उनको 3.97 लाख से अधिक वोट मिले थे। कहने वाले कहते हैं, भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में बुजुर्गों को किनारे करके 40 फीसदी युवाओं को मौका देने की तैयारी में है। पार्टी में अंदरूनी तौर पर सर्वे भी चल रहा है। वर्तमान कुछ सांसदों की खराब रिपोर्ट भी हाईकमान तक पहुंची है। बरेली ही नही अन्य मंडलों में भी जिताऊ उम्मीदवार तलाशे जायेंगे। लक्ष्य में जो आड़े आएगा, किनारे हो जाएगा।

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