अकबरनगर बस्ती में चले 5 बुलडोजर,ड्रोन से इलाके की निगरानी, रोते रहर महिलाएं
एलडीए द्वारा अकबरनगर में अवैध अतिकमण हटाया गया


लखनऊ : राजधानी लखनऊ के अकबरनगर बस्ती में सोमवार दोपहर में बुलडोजर चला। ये कार्रवाई एलडीए के आदेश पर हो रही है। एलडीए समेत जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम मौके पर मौजूद है। इस समय 5 बुलडोजर मकानों को ध्वस्त करने में जुटे हुए हैं। कार्रवाई की शुरुआत सबसे पहले झोपड़-पट्टियों से की गई। पक्की झुग्गियों को पोकलेन से गिराया गया। उसके बाद बुलडोजर से मकानों का गिराने का काम शुरू हुआ। मकान तोड़ते देख महिलाएं और बच्चे रोने लगे। लोग अपने घरों से सामान लेकर इधर-उधर भागने लगे। स्थिति को देखते हुए मौके पर भारी फोर्स तैनात की गई है। पूरी कार्रवाई की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। 

दरअसल, कुकरैल नदी को छोटे रिवर फ्रंट के तौर पर विकसित किया जाना है। इसलिए ये कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया, 78 मलिन बस्तियों को आज हटाया जाएगा। अकबरनगर द्वितीय में बंधे के किनारे बनी झोपड़-पट्टियों में रहने वाले लोगों को वसंत कुंज योजना में बनी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया जा रहा है। फिलहाल 5000 रुपए लेकर इनको वहां पर आवास दिया जा रहा है। फिर इनसे एलडीए किस्तों में पैसा जमा करवाएगा। सोमवार सुबह 42 लोगों को मकान अलॉट किया गया। बुलडोजर से शकुंतला का मकान भी गिराया गया है।

 उन्होंने ने रोते हुए कहा, हमारा परिवार 50 साल से यहां पर रह रहा था। प्रशासन को पहले हमें कही शिफ्ट कर देना चाहिए था उसके बाद मकान तोड़ते तो बात समझ में आती। अब हम कहीं जा भी नहीं सकते। पूरी रात यहीं पड़े रहेंगे। हमारे बच्चे रो रहे हैं। सरकार बताएं अब हम कहां जाए। इससे पहले भी 1000 के करीब घर-दुकान गिराए जा चुके हैं। इसके खिलाफ लोग कोर्ट गए थे। लेकिन, 277 लोग ऐसे हैं जो कोर्ट नहीं गए। पिछले दिनों हाईकोर्ट की तरफ से यह निर्देश दिया गया था कि जिनके मामले कोर्ट में नहीं हैं, अगर उनके निर्माण अवैध हैं तो प्रशासन अपने नियम के अनुसार कार्रवाई कर सकता है। ऐसे ही 277 घर-दुकान को एलडीए ने चिह्नित किया है, जिन्होंने कोर्ट में कोई आपत्ति नहीं दाखिल की है। 

इन 277 लोगों के घर-दुकान गिराए जा रहे हैं। यहां पुलिस ने ट्रैफिक रूट भी बदल दिए हैं। ट्रैफिक पुलिस की मदद से ट्रैफिक डायवर्जन भी संबंधित इलाकों में सुबह ही कर दिया गया है। कुकरैल नदी को छोटे रिवर फ्रंट के तौर पर विकसित किया जाना है। प्रशासन का कहना है कि कुकरैल नदी के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। इसलिए अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि सौंदर्यीकरण के लिए शासन से अभी कितना बजट मिलना है यह तय नहीं हुआ है। पूरा नक्शा और प्रोजेक्ट डीपीआर बनने के बाद ही तय होगा।

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