बेंगलुरु : कर्नाटक की भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने शुक्रवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा भूमि आवंटन से जुड़े कथित घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला यहां की एक विशेष अदालत द्वारा सिद्धारमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच के आदेश दिए जाने के दो दिन बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी पत्नी ने मानदंडों का उल्लंघन करते हुए MUDA द्वारा प्रीमियम संपत्तियां आवंटित की हैं.
एफआईआर में सिद्धारमैया पहले से ही नामजद है, उसके बाद उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और कथित जमीन मालिक देवराज का नाम दर्ज है. आरोपों के अनुसार, मैसूर विकास निकाय ने पार्वती के स्वामित्व वाली जमीन का एक टुकड़ा अधिग्रहित किया और उसे उच्च मूल्य के भूखंडों के साथ मुआवजा दिया. भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष और कुछ कार्यकर्ताओं ने सिद्धारमैया और उनकी पत्नी पार्वती पर इस अवैध मुआवज़े वाली जमीन के सौदे से लाभ उठाने का आरोप लगाया है, उनका अनुमान है कि कथित अनियमितताएं 4,000 करोड़ रुपये की हैं.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ा झटका देते हुए मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी की वैधता को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. सिद्धारमैया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218 के तहत उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी. राज्यपाल ने तीन कार्यकर्ताओं की याचिकाओं के बाद जांच के लिए मंजूरी दी, जिन्होंने एक प्रमुख इलाके में MUDA द्वारा सिद्धारमैया की पत्नी को 14 साइटों के आवंटन में अनियमितताओं का आरोप लगाया था.